पटनाः अंतरराष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह पहली बार चुनाव जीत कर बिहार विधानसभा पहुंची हैं. वह जमुई से भाजपा के टिकट पर विधायक बनी हैं. विधायक श्रेयसी सिंह जो गोल्डन गर्ल के नाम से भी मशहूर हैं, पहली बार विधानसभा में पहुंची हैं और आज शपथ ली है.
श्रेयसी सिंह पहली बार विधानसभा पहुंची काफी उत्साहित और जोश से भरी थीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं गौरवान्तवित महसूस कर रही हूं कि जमुई की जनता ने मुझे यहां तक पहुचाया है. उनकी सेवा में मैं हमेशा आगे रहूंगी. श्रेयसी सिंह ने आगे कहा कि अभी मैं यंग भी हूं और तो सीखने का पूरा जज्बा है और जितना हो सकेगा उतने जोश के साथ पूरे दम से जनता के लिए काम करूंगी.
विपक्ष कुछ भी कहेगा फिर भी हम अपने मेहनत से काम करेंगे
उन्होंने कहा कि विपक्ष कुछ भी कहेगा फिर भी हम अपने मेहनत से काम करेंगे. अब तक जैसा मैंने भारत का नाम रोशन किया है, उसी प्रकार आगे भी काम करेंगे. गोल्डन गर्ल ने कहा कि जिस मेहनत से निशानेबाजी में काम किया उससे दोगुने जोश से काम करेंगे.
उन्होंने कहा कि मैं जमुई की जनता की सेवा में हमेशा मैं आगे रहूंगी. मंत्री बनने के सवाल पर श्रेयसी सिंह ने कहा कि विकास करने के लिए मंत्री बनना जरूरी नहीं हैं. उन्हों ने कहा कि वह भले ही राजनीति में आ गई हैं, लेकिन जिस शूटिंग ने उनको पहचान दिलाई है वह उसको छोड़ने वाली नहीं है. श्रेयसी ने कहा कि निशानेबाजी के साथ-साथ उनकी राजनीति जारी रहेगी. वह अपने पापा के सपना का साकार करेंगी.
श्रेयसी सिंह ने कहा कि मुझे अपनी लगन और मेहनत पर पूरा भरोसा
श्रेयसी सिंह ने कहा कि मुझे अपनी लगन और मेहनत पर पूरा भरोसा है. वह एनडीए के विकास योजनाओं को जमीन स्तर पर बढाएंगी. जमुई की जनता ने अपनी बात को सदन में रखने के लिए मुझे विधानसभा में भेजा है. वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगी. वह काम कर दिखायेगी. वह अपनी लगन और आत्मविश्वास से अपनी पहचान बनाई है.
वह विधानसभा में जमुई की जनता का आवाज उठाएगी. यहां बता दें कि श्रेयसी सिंह के लिए राजनीति कोई नहीं बात नहीं हैं. उनके पिता स्व. दिग्विजय सिंह कई बार सांसद रह चुके थे और केन्द्र सरकार में मंत्री भी थे. इसके अलावा उनकी मां पुतुल सिंह भी बांका से सांसद रह चुकी हैं.
श्रेयसी को राजनीति विरासत में मिली है. लोकसभा चुनाव 2019 में जब पुतुल सिंह चुनाव मैदान में थी तो उस दौरान श्रेयसी सिंह मां के चुनाव प्रचार का कमान संभालती थी. वह रोज मां के साथ चुनावी सभा के साथ-साथ कई गांवों में जनसंपर्क करती थी. इस दौरान सभी से मां को जिताने की अपील करती थी. श्रेयसी से सुनने के लिए गांव की महिलाएं. लड़कियां और युवाओं की भीड़ जुटती थी. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले श्रेयसी सिंह भाजपा में शामिल हुई और उनको टिकट मिल गया.