डॉक्टर अवनीश कुमार को मिला प्रतिष्ठित न्यूटन फेलोशिप, डॉ भीमराव अंबेडकर के आर्थिक विचारों पर शोध करेंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 31, 2021 02:01 PM2021-03-31T14:01:17+5:302021-03-31T14:05:30+5:30

बेंगलुरु के अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत अवनीश इसी साल 31 मार्च  से दो साल के अध्ययन अवकाश पर यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्रा (स्कॉटलैंड) में शोध करेंगे।

bihar gopalganj doctor avnish kumar gets prestigious newton fellowship Azim Premji University | डॉक्टर अवनीश कुमार को मिला प्रतिष्ठित न्यूटन फेलोशिप, डॉ भीमराव अंबेडकर के आर्थिक विचारों पर शोध करेंगे

मशहूर समाजशास्त्री प्रोफेसर ह्यूगो गोर्रिंज के साथ बाबासाहब डॉ भीमराव आंबेडकर के आर्थिक विचारों पर शोध करेंगे। (file photo)

Highlightsअवनीश पिछले कई वर्षों से बिहार और महाराष्ट्र ग्रामीण परिवेश पर शोध कर रहे हैं। शोधपरक आलेख अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओँ में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहते हैं।अवनीश हिंदी और भोजपुरी में कविता और लघुकथा भी लिखते हैं, जिनमें से कुछ प्रकाशित भी हुई हैं।

नई दिल्लीः बिहार के लाल डॉक्टर अवनीश कुमार ने इतिहास रच दिया है। बिहार में गोपालगंज जिले के मीरगंज निवासी डॉ अवनीश कुमार को वर्ष 2020 के न्यूटन अंतर्राष्ट्रीय फ़ेलोशिप के लिए चुना गया है।

यह फ़ेलोशिप विश्व के चुनिंदा होनहार और विशिष्ठ प्रतिभा का परिचय देनेवाले शोधार्थियों को दिया जाता है। ब्रिटिश अकादमी, रॉयल सोसाइटी और अकादमी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज द्वारा प्रदान की जानेवाली न्यूटन इंटरनेशनल फ़ेलोशिप दुनिया की सबसे स्पर्धात्मक तथा प्रतिष्ठित फ़ेलोशिप है, जो यूनाइटेड किंगडम तथा अन्य देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दी जाती है।

बेंगलुरु के अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत अवनीश इसी साल 31 मार्च  से दो साल के अध्ययन अवकाश पर यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्रा (स्कॉटलैंड) में शोध करेंगे। अवनीश पिछले कई वर्षों से बिहार और महाराष्ट्र ग्रामीण परिवेश पर शोध कर रहे हैं। इनकी मुख्य रुचि ग्रामीण आर्थिक और सामाजिक विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा, जातिविहीन समाज की स्थापना, भोजपुरी भाषाई और लोकसंस्कृति जैसे विषयों में है।

इनके शोधपरक आलेख अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहते हैं। इसके अलावा अवनीश हिंदी और भोजपुरी में कविता और लघुकथा भी लिखते हैं, जिनमें से कुछ प्रकाशित भी हुई हैं। न्यूटन अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप के अंतर्गत अवनीश एडिनबरा में दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष तथा मशहूर समाजशास्त्री प्रोफेसर ह्यूगो गोर्रिंज के साथ बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर के आर्थिक विचारों पर शोध करेंगे। गौरतलब है कि अवनीश बिहार के एक साधारण परिवार से आते हैं।

उनके पिता चंद्र प्रकाश द्विवेदी मीरगंज स्थित रजिस्ट्री ऑफिस में स्टाम्प विक्रेता हैं और मां सिंधु देवी गृहिणी हैं। अवनीश ने अपनी आरंभिक शिक्षा गोपालगंज के ही जवाहर नवोदय विद्यालय से प्राप्त की है और इनका मानना है कि वे नवोदय के ही शिक्षक थे, जिन्होंने अवनीश जैसे तमाम विद्यार्थियों के अंदर सामाजिक संवेदना और समालोचनात्मक सोच का निर्माण किया।

उसके बाद उन्होने दिल्ली विश्विद्यालय के किरोड़ी मल कॉलेज में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया और आगे की पूरी पढ़ाई यानी एमए, एमफिल और पीएचडी मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज से पूरी की। अवनीश ने अध्यापन की शुरुआत मुंबई के सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज से की जहाँ इन्होंने पब्लिक पालिसी विभाग में 5 साल अध्यापन किया और वर्ष 2020 से वह अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय बेंगलुरु में पढ़ाते हैं। इसके अलावा वर्ष 2018 से अवनीश देश की सबसे प्रतिष्ठित सोशल साइंस जर्नल "इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली" के साथ सलाहकार संपादक (पुस्तक समीक्षा) के रूप में भी जुड़े हुए हैं।

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