Bihar: बिहार में लड़कियां किसी मायने में समाज में अपनी जगह बनाने में लड़कों से पीछे नहीं रह रही हैं। वह पुरुषों से कदम-कदम मिलाकर ऊंचाइयां छू रही हैं। इसी कड़ी में बिहार में नवादा जिले के पाकरीबरावां गांव की रहने वाली दो होनहार बेटियां पूजा और प्रिया कुमारी को पिता ने आलू बेचकर उन्हें पढ़ाया। उनकी दोनों बेटियों ने ठान ली कि वह अपने जीवन में कुछ बड़ा करेंगी। इसी कड़ी में दोनों ने मेहनत कर दारोगा बन गईं।
प्रिया और पूजा दोनों की प्रारंभिक पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से हुई जिसके बाद दोनों ने कृषक कॉलेज से इंटर और ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। उनके घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हें कभी भी महंगे और बड़े कॉलेजों में पढ़ने का मौका नहीं मिल पाया। दोनों कॉलेज खत्म होने के बाद अपने ननिहाल नवादा चली गई। उनके मामा टिंकू साव ने उन्हें हर रूप में मदद की और हमेशा उन्हें प्रेरित भी किया।
वे पढ़ाई के लिए उनकी हर जरूरत को पूरा करते थे और इसलिए आज उनकी दोनों भांजियां अपने कामयाबी के पीछे का श्रेय उन्हें भी देती हैं। छोटी बहन पूजा ने दारोगा की परीक्षा में एक ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली जबकि उनकी बड़ी बहन प्रिया ने दो प्रयासों में इस परीक्षा को क्लियर किया।
खास बात यह है कि दोनों एक साथ ही दारोगा बनी। दोनों बहनों के रिजल्ट आने पर पूरे गांव में ख़ुशी का माहौल हो गया। गांव से ही पढ़कर इस मुकाम को हासिल करने पर लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि होनहार बिरवान के होत चिकने पात। अभावों में भी आसमान छूय जा सकता है।