पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर महागठबंधन में खींचतान बढ़ती जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने अभी से ही अपनी सक्रियता बढा दी है। कांग्रेस नेताओं ने साफ कहा है कि 70 सीटों से कम में समझौता नहीं होगा। वहीं, दूसरी ओर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी कम से कम 20 सीटों से कम लेने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं। इस बीच तेजस्वी यादव ने कहा है कि टिकट सबको चाहिए, लेकिन सीटें तो 243 ही हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार किसी नेता के कहने पर टिकट नहीं दिया जाएगा। ठोक-ठाककर ऐसा प्रत्याशी चुना जाएगा, जो जनता के बीच रहे। सबको साथ लेकर चले, लालू जी की पार्टी राजद की विचारधारा को मजबूत करे। ऐसे लोगों को टिकट देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता कहता है कि इसको टिकट देना, उसको देना। ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। तेजस्वी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि पुराने मॉडल वाली सरकार को हटाना है। अबकी बार महागठबंधन की सरकार बनाना है।
सूत्रों की मानें तो राजद इस बार कांग्रेस को 35-40 सीटों से ज्यादा देने का मूड में नहीं है। दरअसल, पिछले चुनाव में कांग्रेस का परफॉर्मेंस बेहद साधारण था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ 19 सीटें ही जीती थी। कांग्रेस अगर थोड़ा अच्छा प्रदर्शन कर लेती तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बन सकते थे।
सूत्रों की मानें तो इस बार वाम दलों को कांग्रेस पार्टी से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी बैकफुट पर रहने के मूड में नहीं है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर ही सीटों का बंटवारा होगा और पार्टी 70 सीटों से कम पर समझौता नहीं होगा। यही वजह है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बार-बार बिहार का दौरा कर रहा है।