बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से दलितों की हत्या के मामले में चुनावी कार्ड खेले जाने पर तेजस्वी यादव भड़क गए हैं. इसके जवाब में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष ने बेरोजगारी कार्ड खेल दिया है. तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी हटाओ वेबसाइट लॉन्च किया है.
इसके साथ ही उन्होंने घोषित रूप से बेरोजगारी को बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मुद्दा बनाने का ऐलान कर दिया. तेजस्वी यादव ने वेबसाइट (www.berojgarihatwao.co.in) लॉन्च करते हुए एक टोल फ्री नंबर 9334302020 भी जारी किया है.
उन्होंने वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर जारी करते हुए कहा कि कोई भी बेरोजगारी से समस्या से संबधित युवा संपर्क कर सकता है. इस दौरान तेजस्वी ने बिहार समेत देश भर में नौकरियों की कमी को लेकर चिंता जताई है.
'सरकार चाहती है दलितों की हत्या'
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि वह दलितों की हत्या का प्रमोशन कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो ऐलान किया है वह बताता है कि सरकार दलितों की हत्या चाहती है. उन्होंने नीतीश कुमार से यह सीधा सवाल किया है कि अगर दलितों की हत्या के बाद उनके परिजनों को सरकारी नौकरी देने की व्यवस्था की जा रही है तो सवर्णों और ओबीसी समाज के लोगों के लिए यह सुविधा क्यों नहीं है?
तेजस्वी ने पूछा है कि क्या सवर्णों की जान की कोई कीमत नहीं है? आदिवासी और पिछड़े समाज के लोगों की हत्या के बाद उनके परिजनों को नौकरी की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने नीतीश कुमार की इस घोषणा को चुनावी झुनझुना बताते हुए कहा है कि बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार केवल झूठा वादा कर रहे हैं.
तेजस्वी ने लगाई वादों की झड़ी
तेजस्वी यादव ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार बिहार में सरकारी रिक्तियों को सबसे पहले भरने का काम करेगी. उन्होंने देश में बढती हुई बेरोजगारी पर मोदी सरकार पर भी तंज कसा. तेजस्वी ने कहा कि राज्य और देश का युवा बेरोजगारी को लेकर परेशान है लेकिन सरकार वैकेंसी नहीं भर रही है. बिहार में वैकेंसी होने के बावजूद सरकारी नौकरी में आने का अवसर युवाओं को नहीं दिया गया है.
उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट से बेरोजगारी के मुद्दे पर बातचीत हुई है और जल्द ही इसको लेकर ब्लू प्रिंट सामने लाएंगे. इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो हत्या को प्रमोट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दरअसल नौकरी देने का वादा कर सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की हत्या करना चाहती है.
देश में बढती हुई बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि राज्य और देश का नौजवान बेरोजगारी को लेकर परेशान है, सरकार रिक्तियों को नहीं भर रही है. नीतीश कुमार ने बिहार के नौजवानों को रिक्तियां होने के बावजूद सरकारी नौकरी में आने का अवसर नहीं दिया है. विधानसभा जैसी इकाई में माली और ड्राइवर की बहाली में ग्रेजुएट और पीएचडी करने वाले अभ्यर्थी शामिल हुए.
'दलितों से प्यार केवल नीतीश कुमार का दिखावा'
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधा सवाल किया है कि अगर उन्हें दलितों से इतना ही प्रेम है तो जब देश में एससी-एसटी एक्ट को हटाया जा रहा था तब वह चुप क्यों बैठे रहे? सडकों पर संघर्ष किया गया और देशभर में आंदोलन के बाद एससी एसटी एक्ट के मामले में राहत मिली. लेकिन नीतीश कुमार इस दरमियान बिल्कुल चुप रहे.
उन्होंने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार चुनाव के पहले प्रोपेगेंडा सेट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति कोरोना काल में काफी ज्यादा चरमरा गई है, लेकिन बिहार को इस स्थिति से कैसे उभारना है. इस पर नीतीश चर्चा नहीं करना चाहते हैं.