पटना: उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ (Kanpur Shootout) मामले का मास्टरमाइंड गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) को यूपी पुलिस खोजने में लगी है। इसी बीच सोशल मीडिया पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (DGP Gupteshwar Pandey) का एक वीडियो चर्चा में आया है। जिसमें वह हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बिहार में छिपे होने की खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस वीडियो डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे काफी गुस्से में दिख रहे हैं। गुप्तेश्वर पांडे उन लोगों के खिलाफ भी भड़के हैं, जिन्होंने विकास दुबे को शेर और हीरो कहा था। उन्होंने विकास दुबे को चैलेंज देते हुए कहा है कि हिम्मत है तो बिहार में घुसकर दिखाओ।
जो लोग विकास दुबे हीरो कह रहे हैं वह पुलिस को तोड़ने का काम कर रहे है: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, उत्तर प्रदेश में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबे बिहार में घुस जाएगा और यहां से बहुत सुरक्षित निकल जाएगा। बिहार पुलिस और उत्तर प्रदेश की पुलिस अलग-अलग है क्या? पूरी देश की पुलिस एक है। ये कैसे हो सकता है...वह यहां से बचकर निकल जाए।
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, एक महानुभाव ने उसे ब्राह्मणों का शेर कहा...यही अपराध की संस्कृति है, जिसकी मैं बार-बार बात करता हूं...कि अपने-अपने जात के लोगों को पेशेवर अपराधियों को लुटेरों को, बलात्कारियों को, डकैती करने वालों को, हत्यारों को, अपहरण करने वालों को...लोग हीरो बना रहे हैं। अगर इस तरह अपने जात के लोगों को हीरो बनाएगा...पूजा करेगा...माला पहनाएगा...उसका जिंदाबाद करेगा...उसको शेर कहेगा...अपराध की संस्कृति फूले-फलेगी की नहीं?'
अगर विकास शेर है तो आए बिहार, बताया जाएगा शेर का शिकार कैसे होता है: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे
उन्होंने कहा, ऐसा करने वाले लोग शासन और प्रशासन को कमजोर कर रहे हैं। आप पुलिस को कमजोर कर रहे हैं। शेर है ये (विकास दुबे) नपुंसक भी किसी को गोली मार सकता है। तो हमारे आठ पुलिस जो छापेमारी के लिए गए यूपी में उसके घर (विकास दुबे) वो चूहे थे। मारने वाला नपुंसक गोली चलाने वाला शेर हो गया वो अपराधी। तो आए शेर का शिकार कैसे होता है...उसको बिहार में बताया जाएगा।
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का वीडियो ट्विटर पर कई लोगों ने शेयर किया है। कांग्रेस कार्यकर्ता ने नीरज भाटिया ने भी बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का ये वीडियो शेयर किया है। जिसपर 3 लाख 60 हजार से ज्यादा व्यूज हैं।
जानें कानपुर शूटआउट (Kanpur Shootout) में क्या हुआ?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम ने दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि (एक से डेढ़ बजे के करीब) को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी करने पहुंची। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। जैसे ही पुलिस का एक दल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई।
ये सब इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि पुलिस को संभलने का मौक नहीं मिला। जिसमें पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।