पटना: बिहार में सत्ता परिवर्तन होते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने संवैधानिक मर्यादाओं की खिल्ली उड़ाये जाने का मामला सामने आया है। शहीद दिवस के मौके पर गुरुवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत उनके करीबी नेता इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा भी पहुंचे थे।
कार्यक्रम में शामिल होने आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत अन्य लोगों के लिए कुर्सियां तो लगाई गई थीं, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के बैठने के लिए कुर्सी नहीं दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक ओर तेजस्वी यादव तो दूसरी ओर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत अन्य नेता कुर्सी पर बैठे थे। हालांकि वहां विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के लिए कुर्सी नहीं थी।
इन सबके बीच विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा विधानमंडल पहुंचे। उन्होंने शहीद स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके बाद वे विधानसभा स्थित अपने कार्यालय लौट गए।
इस दौरान बिहार के मौजूदा राजनीतिक बदलाव को लेकर जब उनसे बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि वह अभी संवैधानिक पद पर काबिज हैं और जब तक वह इस पद पर रहेंगे, तब तक वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पद की जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद वह अपनी बात सबके सामने रखेंगे।
उन्होंने कहा कि यह दिवस प्रेरणा लेने का है। शहीदों को याद करने से प्रेरणा मिलती है। ऊर्जावान महसूस करते हैं। उनके साथ पूर्व मंत्री रामसूरत राय, नितिन नवीन समेत कई नेता भी थे। उल्लेखनीय है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
राजद सहित अन्य पार्टियों के विधायकों ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष को तत्काल हटाए जाने की मांग को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी विधानसभा सचिव को दिया है।