पटनाः बिहार के खगड़िया और भागलपुर जिले के बीच 1710 करोड़ की लागत से बनने वाला अगुवानी-सुल्तानगंज पुल रविवार शाम गंगा नदी में समा गया। इस पुल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। पुल के गिरने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि यह पुल पिछले साल भी टूटा था।
मैंने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसका निर्माण सही ढंग से नहीं हो रहा है, जिससे यह बार-बार गिर रहा है। विभाग इस पर गौर करेगा और कार्रवाई की जाएगी। संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर जेपी के प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पिछली बार जब पुल का एक हिस्सा गिरा था तो जांच कराई गई थी।
निर्माण एजेंसी को कई तरह के निर्देश दिये गये थे। इसके बाद फिर से पुल का एक हिस्सा गिर गया है। गड़बड़ बन रहा होगा। इसलिए गिर गया है। जो निर्माण एजेंसी की लापरवाही को दिखाता है। पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया गया है और दोषिुयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ने पर निर्माण एजेंसी को भी बदल दिया जाएगा
वहीं 12 जून को विपक्षी एकता की बैठक के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता को इस तारीख पर आने में दिक्कत हो रही थी। इसलिए तत्काल 12 जून को निर्धारित बैठक टाल दी गई है और जल्द ही अगली तिथि की जानकारी दी जाएगी।
वहीं, बालासोर में हुए रेल दुर्घटना के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि जब उनके समय मे रेल हादसा हुआ था और वे मौके पर पहुंचे थे तो उन्हें काफी तकलीफ हुई थी और उसके बाद उन्हौने रेलमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनके इस्तीफा लौटा दिया था पर उन्होंने आग्रह करके अपना इस्तीफा उन्हौने सौंप दिया था।
इस रेल हादसे पर वर्तमान रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग पर नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना है कि पर जिस तरह से यह पूरी घटना हुई है उसमें वर्तमान सरकार को सोचना चाहिए।वहीं, सम्राट चौधरी के हमलावर रुख के सवाल पर नीतीश ने कहा कि वह पहले तेजस्वी जी की पार्टी में थे।
फिर मेरे पार्टी में आये और अभी उधर चले गये हैं तो अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। उनके बोलने का कोई मतलब थोड़े ही है। बता दें कि अगुवानी सुल्तानगंज महासेतु कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। डाल्फिन वैधशाला, टाल प्लाजा, पुल प्रदर्शनी, पैसेंजर अंडर पास आदि इसकी खास विशेषता होगी।
महासेतु की लंबाई करीब 3.160 किलोमीटर होगी। जबकि एप्रोच पथ की कुल लंबाई करीब 25 किलोमीटर है। एक साल पहले भी आंधी में पुल का कुछ हिस्सा ढह गया था। साल 2014 में इस पुल का शिलान्यास नीतीश कुमार ने किया था।