पटनाः केरल कांग्रेस इकाई के द्वारा बिहार की तुलना बीड़ी से करने पर सूबे की सियासत गर्मा गई है। हालांकि अपने मतदाता अधिकार यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘हाइड्रोजन बम’ की चर्चार बिहार जी सियासत में भूचाल लाने की कोशिश थी, लेकिन केरल कांग्रेस के ‘बीड़ी’ बम पोस्ट और दरभंगा में गालीकांड ने विपक्ष की रणनीति को कमजोर कर दिया है। बिहार में पीएम मोदी की मां को गाली फिर बीड़ी बम ने राहुल की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जब राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ चर्चा में था, केरल कांग्रेस की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया।
दरअसल, 5 सितंबर 2025 को केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट की गई, जिसमें लिखा था, “बीड़ी और बिहार दोनों ‘ब’ से शुरू होते हैं। अब इसे पाप नहीं माना जा सकता। यह पोस्ट केंद्र सरकार के जीएसटी सुधारों पर कटाक्ष के तौर पर थी, लेकिन इसे बिहार के अपमान के रूप में देखा गया।
पोस्ट को बाद में हटा लिया गया और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने माफी मांगते हुए कहा कि यह उनका आधिकारिक रुख नहीं था। इस पोस्ट ने भाजपा और जदयू को कांग्रेस पर हमला करने का मौका दे दिया। बिहार विधानसभा चुनाव में ये विवाद महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं।
राहुल गांधी की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ ने शुरू में सियासी माहौल को उनके पक्ष में करने की कोशिश की थी, लेकिन ‘बीड़ी बम’ और ‘गालीकांड’ ने उनके नैरेटिव को कमजोर कर दिया। बिहार की जनता भावनात्मक मुद्दों के प्रति संवेदनशील है और भाजपा इसे भुनाने में माहिर है। भाजपा और जदयू ने इन विवादों को बिहार की अस्मिता से जोड़कर विपक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
आने वाले चुनावों में महागठबंधन को अपनी रणनीति को फिर से मजबूत करना होगा। राहुल गांधी को ‘वोट चोरी’ के अपने दावों को ठोस सबूतों के साथ पेश करना होगा, ताकि वह जनता का भरोसा जीत सकें। दूसरी ओर, भाजपा और जदयू को अपनी कल्याणकारी योजनाओं और भावनात्मक मुद्दों के जरिए जनता को लुभाने का मौका मिला है।
इधर, भाजपा और जदयू ने इन विवादों को बिहार की अस्मिता से जोड़कर विपक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि केरल कांग्रेस की इस गलती का समय बेहद नाजुक था, क्योंकि बिहार में चुनावी माहौल पहले से ही गर्म है। यह पोस्ट न केवल कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि महागठबंधन के अन्य सहयोगियों, खासकर राजद को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
तेजस्वी यादव ने इस मामले में माफी की मांग की, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह विवाद विपक्ष की एकता को कमजोर कर सकता है। ऐसे में बिहार की सियासत में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राहुल का ‘हाइड्रोजन बम’ वास्तव में फटेगा, या केरल का ‘बीड़ी बम’ विपक्ष के लिए और बड़ी मुसीबत बन जाएगा।
इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस बयान को हल्का और गैरजिम्मेदाराना करार दिया। जीतन राम मांझी ने तंज कसते हुए कहा कि एटम बम से चींटी तक नहीं मरी, हाइड्रोजन बम का भी वही हाल होगा। रविशंकर प्रसाद ने राहुल की गरिमा के खिलाफ बताया, जिससे साफ है कि भाजपा इस बयान को मुद्दा बनाकर विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रही है।
वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पहले उन्होंने प्रधानमंत्री की मां का अपमान किया, अब पूरे बिहार का। यह कांग्रेस का असली चरित्र है। जबकि जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने इसे बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान पर हमला बताया। उन्होंने तेजस्वी यादव से सवाल किया कि क्या वह इस अपमान का समर्थन करते हैं?