पटनाः बिहार में जातिगत जनगणना का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है। इस चरण में लोगों से उनकी जातियां पूछी जा रही हैं। जाति पूछने के लिए प्रगणक आज से घर- घर पहुंचने लगे हैं। इसमें एक प्रगणक के जिम्मे दो सौ घरों में जाकर लोगों से उनकी जाति पूछने का काम सौंपा गया है।
इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को जातिगत जनगणना के लिए अपने जन्मस्थली बख्तियारपुर पहुंचे। जहां नीतीश कुमार से जनगणना कर्मी ने उनकी जाति और तमाम जानकारियां ली। इस दौरान नीतीश कुमार के सभी परिजन मौजूद रहे। जिन्होंने अपना निजी ब्योरा जनगणना कर्मी को दिया।
नीतीश कुमार के परिजनों ने जातीय गणना में आंकड़ा दर्ज कराया। पूछे गये 17 सवालों का जवाब दिये। इसके साथ ही जातीय गणना 15 मई तक यानि कुल 1 महीने जातीय गणना का काम चलेगा। इस दौरान घर-घर जातीय गणना की जाएगी और कुल 17 सवाल लोगों से पूछें जाएंगे। नीतीश कुमार ने बताया कि हम जहां जन्म लिये थे वही गणना कराने आएं हैं।
उन्होंने कहा कि सबकों आगे बढ़ा ही हमारा मकसद है। उन्होंने लोगों को ये संदेश भी दिया कि जनगणना में सभी को बढ़-चढ़ कर शामिल होने की आवश्यकता है और इस जनगणना में सही और सटीक जानकारी मुहैया करनी है। नीतीश कुमार ने कहा कि हम जातीय गणना इसलिए करा रहे है कि कोई पीछे ना छूट जाए।
अपर कास्ट को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। लोग बिना मतलब के भ्रम पाले हुए हैं। हमने कह दिया है कि जातीय गणना बहुत ही ठीक से कीजिएगा, इसमें गलती नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य भी जातीय गणना मॉडल को देखना चाहता है। दूसरे राज्यो के लोगों की भी यही इच्छा है कि उनके यहां भी जातीय गणना हो।
जातीय गणना बहुत ही उपयुक्त चीज है। उन्होंने कहा कि जातीय गणना विधानसभा और विधान परिषद में रखा जाएगा। वही जातीय गणना की जानकारी दी जाएगी। इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जाएगी। किसी को कोई भ्रम ना हो इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर हम जातीय गणना करवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सारी पार्टियां देश में जातिगत गणना कराने की मांग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से भी मिले थे लेकिन कहा गया कि केंद्र सरकार ऐसा नहीं करा सकती है। हां यदि राज्य अपने पैसे से यह करा सकती है। जिसके बाद पार्टियों की मीटिंग में यह तय हुआ कि हमलोग अपने राज्य के विकास के लिए और लोगों की सुविधा के लिए जातीय गणना बिहार में करवाएंगे।