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Bihar Caste Census: नीतीश कुमार लालू प्रसाद के रास्ते पर चलकर जातीय उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, सिन्हा ने किया हमला

By एस पी सिन्हा | Updated: January 7, 2023 15:19 IST

Bihar Caste Census: जातिगत जनगणना को लेकर सूबे में सियासत भी तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

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ठळक मुद्देबिहार में जिस तरह से शराबबंदी फेल हुई है, ठीक उसी तरह से जातिगत जनगणना भी फेल होगी। वर्ष 1931 के बाद आजाद भारत में किसी सरकार ने जातीय जनगणना की आवश्यकता क्यों नहीं समझी?केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद मानो जैसे देश में जाति फैक्टर धीरे-धीरे कमजोर होने लगा।

पटनाः बिहार में बहुचर्चित जातिगत सर्वे शनिवार से शुरू हो गया। दो चरणों में होने वाली जाति आधारित गणना पर राज्य सरकार 500 करोड़ रूपए खर्च कर रही है। केंद्र सरकार के इनकार करने के बाद बिहार सरकार अपने खर्चे पर यह जातिगत जनगणना करा रही है।

वहीं दूसरी तरफ जातिगत जनगणना को लेकर सूबे में सियासत भी तेज हो गई है। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार लालू प्रसाद के रास्ते पर चलकर बिहार में जातीय उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में जिस तरह से शराबबंदी फेल हुई है, ठीक उसी तरह से जातिगत जनगणना भी फेल होगी। उन्होंने नीतीश सरकार को जातीय उन्माद को बढ़ावा देने वाला करार देते हुए कहा कि ये सोचने की बात है कि वर्ष 1931 के बाद आजाद भारत में किसी सरकार ने जातीय जनगणना की आवश्यकता क्यों नहीं समझी?

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद मानो जैसे देश में जाति फैक्टर धीरे-धीरे कमजोर होने लगा। लोग विकास की बात करने लगे। तब क्षेत्रीय दलों की जातीय आधारित राजनीति खतरे में पड़ गई। ऐसे दल फिर से समाज को आपस मे लड़ाकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी तबका के लोगों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। बापू, जेपी, लोहिया जैसे लोगों ने जाति विहीन समाज बनाने का सपना देखा था, लेकिन आज उस रास्ते पर नहीं चलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में जातिय उन्माद पैदा करने वाले लालू प्रसाद के रास्ते पर चल दिए हैं।

जिस लालू प्रसाद ने बिहार में जातीय नरहसंहार कराया आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उसी राह पर आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया, महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जाति विहीन समाज और भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने की बात की।

उन्होंने कहा कि जाति जनगणना पर होने वाला 500 करोड़ के खर्च का क्या मतलब है? राज्य में बेरोजगार युवा सड़कों पर बैठे हैं। बीपीएससी- बीएसएससी के जो प्रतिभावान युवा सड़क पर बैठे हैं, उनकी समस्या का समाधान कहां होगा? 

टॅग्स :Bihar BJPजेडीयूलालू प्रसाद यादवLalu Prasad Yadav
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