Bihar: एक कहावत है,"सैंया भये कोतवाल अब डर काहे का।" बिहार में सत्ता पर काबिज भाजपा नेताओं पर यह पूरी तरह से फिट बैठने लगा है। सत्ता के मद में चुर भाजपा के नेता किसी भी सीमा को लांघने से नहीं हिचक रहे है। इसका नजारा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के सीनेट की हुई बैठक में यह सामने आया। गुरुवार को सीनेट सदस्य और विधान पार्षद नवल किशोर यादव तथा कुलसचिव के बीच तीखी बहस हो गई। मामला इस मुकाम तक पहुंचा कि नौबत गाली-गलौज तक आ गई।
नवल किशोर यादव ने अपनी मर्यादा को लांघते हुए कुलसचिव से तुम तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल करने लगे। इतना ही नहीं नवल किशोर ने कुलसचिव को मारने तक की धमकी दे डाली।ऐसे में कुलसचिव एन के झा ने आरोप लगाया कि नवल किशोर यादव ने उन्हें गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी है। बताया जा रहा है कि जैसे ही सीनेट की बैठक शुरू हुई कुछ मुद्दों को नवल किशोर यादव ने उठाया जिस पर संतोषजनक जवाब नहीं आने पर उन्होंने आपत्ति जताई।
बात इस स्थिति में पहुंच गई कि नवल किशोर यादव ने कुलसचिव के साथ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया और मंच पर आकर उन्हें मारने और पीटने तक की बात कह दी। इस दौरान उन्होंने कुलसचिव के साथ गाली गलौज भी की। भारी हंगामे के बाद बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों ने किसी तरह से मामले को शांत कराया। हंगामे के कारण सीनेट की बैठक रूक गई। कुलसचिव प्रोफेसर एन के झा ने कहा है कि ऐसी हालत में कार्य करना मुश्किल है, अगर जरुरत पड़ी तो इस्तीफा भी दे दूंगा।
बता दें कि पाटलिपुत्र विश्वविध्यालय के वीसी शरद कुमार यादव और कुलसचिव एन के झा के साथ ही भाजपा विधान पार्षद नवल किशोर यादव, भाकपा-माले विधायक संदीप सौरभ आदि सीनेट के सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा छात्रवृति का पैसा ठीकेदारों को देने के मुद्दे पर मामला गरमाया। कुलसचिव द्वारा बैठक में बताया गया कि यह मामला कोर्ट में है।
यहीं से मामला पेचीदा हुआ। इस बीच नवल किशोर यादव हत्थे से उखड़ गए और कुलसचिव के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने लगे। वहीं, कुलसचिव एन के झा ने एक अन्य आरोप कुलपति प्रो.शरद कुमार पर आरोप लगाया कि वह उन्हें जान से मारने की धमकी दे चुके है। कुलसचिव ने आरोप लगाया कि कि 29 मार्च कुलपति के सुरक्षा गार्ड उनपर हमला करने की नीयत से रात 10 बजे उनके घर पहुंचे थे।
इसे लेकर उन्होंने बहादुरपुर थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज करवाई थी। अब नवल किशोर यादव से हुई बहसबाजी के बाद कुलसचिव प्रोफेसर एनके झा ने कहा ऐसी स्थिति में कार्य करना मुश्किल है। जरूरत पड़ी तो इस्तीफा भी दूंगा। बता दें कि नवल किशोर यादव पहले राजद में थे और विधान पार्षद बनते रहे। सत्ता परिवर्तन के बाद 2005 के बाद भाजपा का दामन थाम लिया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद चुने गए।