पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गर्मायी सियासत के बीच अब पोस्ट पर भी जोर पकड़ता जा रहा है। इसी कड़ी में राजधानी पटना के चौक-चौराहों पर लालू यादव के शपथ ग्रहण वाले दिन को याद करते हुए पोस्टर लगाकर उनको निशाने पर लेने की कोशिश की गई है। जगह-जगह पोस्टर लगाकर लालू यादव के शपथ ग्रहण वाले दिन को निशाना बनाया गया है। वहीं, पक्ष-विपक्ष के नेताओं की पोस्टर वॉर में एंट्री हो गई है। इसपर राजद, कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने लालू यादव पर जमकर हमला बोला है।
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलें चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं। सत्ता पक्ष के निशाने पर राजद प्रमुख लालू यादव भी हैं। सत्ता पक्ष के नेता लालू-राबड़ी शासनकाल की याद लोगों को जोर-शोर से दिला रहे हैं। बता दें कि 10 मार्च 1990 को ही लालू यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। इसे लेकर ही लालू पर तंज कसते हुए पटना में अज्ञात लोगों के द्वारा कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं।
पटना की सड़कों पर जो पोस्टर लगाए गए हैं उस पोस्टर का बैकग्राउंड रंग काला है। लालू यादव की एक फोटो उस पोस्टर पर है, जिसमें वो ढोल बजाते दिख रहे हैं। लालू यादव की यह पुरानी तस्वीर लगती है जब वो होली में ढोल बजाकर भी अपने अंदाज में होली सबके साथ खेलते थे। इस पोस्टर में लिखा है- ‘भूलेगा नहीं बिहार… मार्च का वो काला दिन जब बिहार की जनता का ढोल बजाने को लिया था शपथ.।’ वहीं दूसरे पोस्टर में 10 मार्च के दिन को चारा घोटाला मामले से जोड़कर तंज कसा गया है। होली के दौरान की ही एक पुरानी तस्वीर दूसरे पोस्टर में है।
इस बीच पोस्टर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने राजद प्रमुख पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि लालू यादव के राज में घपले-घोटाले... हत्या, अपराध और नरसंहार होते थे', इसके अलावा उन्होंने कहा कि 'लालू जी ने बिहार के चरित्र को कलंकित किया है।
उधर, राजद विधायक रणविजय साहू ने कहा कि अगर लालू यादव नहीं होते तो रणविजय साहू भी बिहार विधानसभा का सदस्य नहीं होता, गरीब वंचित को लालू यादव ने ताकत देने का काम किया। गरीबों के मसीहा हैं लालू यादव, लाख पोस्टर लगा लें, जनता के दिल से लालू को नहीं निकाल सकते। वहीं, जदयू के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री श्रवण कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने कोई पोस्टर देखा नहीं है, कार्यकाल तो उनका हम लोग जानते ही हैं'।
उन्होंने कहा कि लालू यादव के राज में बिहार को तीन तरह का सम्मान बिहार को मिला था। जंगल राज का सम्मान बिहार को दिया गया था, अपहरण सम्मान दिया गया था। जबकि कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने इस पोस्टर पर कहा कि 'जो भी मुख्यमंत्री बनते हैं, वह बिहार के विकास में काम करते हैं। लेकिन हो सकता है गरीबों को लालू यादव ने ज्यादा देखा। तो लोग तरह-तरह की बात कर रहे हैं, अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, मैं तो आग्रह करूंगा कि वह गरीबों को देखें।