पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को राजद कार्यालय में हुई महागठबंधन की बैठक में तेजस्वी यादव को समन्यवय समिति का अध्यक्ष चुना गया। इससे यह माना जा रहा है कि महागठबंधन की ओर से तेजस्वी ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। बैठक के बाद कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने भी कहा कि तेजस्वी ही महागठबंधन को लीड करेंगे। मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई संदेह नही है। बैठक में महागठबंधन के छह दलों-राजद, कांग्रेस, वीआईपी और तीनों वामपंथी पार्टियों (भाकपा-माले, भाकपा, माकपा) के नेता मौजूद थे। बैठक में प्रदेश से लेकर प्रखंड स्तर पर समन्वय समिति बनाने का फैसला किया गया। ये कमेटियाँ आपस में समय-समय पर बैठक करेंगी। इनके जिम्मे एजेंडे को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी होगी।
समन्वय समिति सीट शेयरिंग पर निर्णय लेगी चुनावी एजेंडा तय करेगी, चुनाव प्रचार की रणनीति बनाएगी और साझा न्यूनतम कार्यक्रम तय करेगी। बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोगों ने गरीब, नौजवान, महिलाओं और युवाओं के मुद्दों पर बातचीत की। इसके साथ ही बिहार से हो रहे पलायन पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों में बहुत गुस्सा है। बीस साल से खटारा सरकार है। केंद्र की ही रिपोर्ट बताती है कि बिहार में सबसे ज्यादा गरीबी है और दो करोड़ से ज्यादा लोग रोजगार के लिए यहां से पलायन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, पलायन और अपराध में बिहार नंबर वन है। बिहार में कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। इसके लिए सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोषी नहीं हैं।
उन्हें तो क्या कहें, वह चेत अवस्था में हैं। महागठबंधन की इस अहम बैठक में राजद के तरफ से 3 प्रतिनिधि, कांग्रेस के तरफ से 4 , भाकपा-माले के तरफ से 1, भाकपा और माकपा से 1-1 और वीआईपी के तरफ से 1 प्रतिनिधि बैठक में शामिल थे। बैठक में तेजस्वी यादव सेंटर में बैठे थे, जबकि उनके अगल-बगल में मुकेश सहनी और कृष्णा अलावरू नजर आ रहे थे।