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भोपाल: दिग्विजय हारे जरूर लेकिन वोट फीसदी बढ़ा, कांग्रेस को 2014 की अपेक्षा पांच फीसदी से ज्यादा मिले वोट

By राजेंद्र पाराशर | Updated: May 25, 2019 05:20 IST

राज्य की भोपाल संसदीय सीट पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मैदान में उतरने से देशभर की नजरें टिकी थी. प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल से जीत गई हैं।

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ठळक मुद्देभोपाल संसदीय क्षेत्र में नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) को 5430 मतदाताओं ने पसंद किया. इनमें 17 पोस्टल वोट भी शामिल हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पी.सी.शर्मा को उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें भाजपा के आलोक संजर ने चुनाव हराया था.

मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस को हार तो मिली, मगर उसे इस बात का संतोष भी जरुर हुआ कि यहां पर उसका वोट 2014 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है. बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां पर 30.39 फीसदी वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव में 35.63 फीसदी वोट हासिल हुए हैं.

राज्य की भोपाल संसदीय सीट पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मैदान में उतरने से देशभर की नजरें टिकी थी. मोदी की सुनामी में कांग्रेस, भाजपा की गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर जीत तो हासिल नहीं कर पाई, मगर हार का अंतर कुछ कम करने में कामयाब रही. वहीं कांग्रेस को 2014 की अपेक्षा इस चुनाव में 5 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल हुए. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पी.सी.शर्मा को उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें भाजपा के आलोक संजर ने चुनाव हराया था. उस चुनाव में कांग्रेस को 343482 मत हासिल हुए थे और शर्मा यह चुनाव 370696 अंतर से हार गए थे. इस चुनाव में कांग्रेस को मिले मतों का प्रतिशत 30.39 था. जबकि भाजपा के आलोक संजर को 714178 मत हासिल हुए थे. मतों का यह प्रतिशत 63.19 था.

इस बार कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को 501660 मत हासिल हुए. मतों का प्रतिशत 35.63 रहा है. जबकि भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर को यहां पर 866482 मत हासिल हुए और वे 61.54 प्रतिशत मत पाकर जीत हासिल कर गई. आलोक संजर को 2014 में मिले मतों से इस बार प्रज्ञा को मत भी ज्यादा मिले हें. आलोक संजर को 2014 के चुनाव में 714178 मत मिले थे, तब भाजपा प्रत्याशी को मिले मतों का प्रतिशत 63.19 था.

नोटा को मिले 5 हजार से ज्यादा मत

भोपाल संसदीय क्षेत्र में नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) को 5430 मतदाताओं ने पसंद किया. इनमें 17 पोस्टल वोट भी शामिल हैं. भोपाल संसदीय क्षेत्र में भाजपा और कांगे्रस के अलावा कुल 30 प्रत्याशी मैदान में थे. भाजपा और कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा वोट बहुजन समाज पार्टी के माधौ सिंह अहिरवार को 11277 वोट मिले हैं. उनके वोटों का प्रतिशत 0.8 रहा है. बसपा के बाद सपाक्स पार्टी की प्रत्याशी वीणा घाणेकर को 3264 मत हासिल हुए. उन्हें 0.23 प्रतिशत वोट मिले हैं.

औरंगाबाद से आकर लड़े चुनाव, मिले 12 सौ वोट

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल संसदीय सीट पर जब भाजपा ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा और उन्होंने महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख स्वर्गीय हेमंत करकरे को लेकर बयान दिया तो उससे आहत होकर पुलिस सेवा के अधिकारी रहे रियाजुद्दीन देशमुख ने भोपाल से निर्दलीय रुप में पर्चा भर दिया था. रियाजुद्दीन, हेमंत करकरके को अपना आदर्श मानते है, वे औरंगाबाद से भोपाल संसदीय क्षेत्र में मैदान में उतरे, मगर उन्हें मात्र 1251 मत ही हासिल हुए. रियाजुद्दीन को 0.09 प्रतिशत मत मिले.

टॅग्स :दिग्विजय सिंहसाध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुरभोपाललोकसभा चुनावमध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव 2019
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