Begusarai Lok Sabha seat: 'मिनी मास्को या कहे बिहार का लेनिनग्राद’ में भाजपा और भाकपा दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। यहां भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बनाम भाकपा प्रत्याशी अवधेश राय के बीच जंग हो रहा है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि बेगूसराय की एक अजीब विडंबना है कि लोकसभा चुनावों में जनता अब वामपंथी दलों को नकारते जा रही है। एक समय बेगूसराय में दो लोकसभा बेगूसराय व बलिया हुआ करते थे। उस समय मिनी मास्को व लाल दुर्ग के रूप में वाम दलों का यहां दबदबा हुआ करता था। कांग्रेस और वामदल के उम्मीदवार ही यहां से विजयी होकर लोकसभा पहुंचते थे। लेकिन समय के साथ सब कुछ बदल गया और मिनी मास्को और कांग्रेस जहां कमजोर पड़ने लगी वहीं भाजपा अपना पांव पसारना शुरू कर दिया।
इसी का नतीजा हुआ कि वर्ष 2014 में भाजपा के भोला सिंह ने यहां वामदलों व कांग्रेस को पराजित करते हुए बेगूसराय लोकसभा सीट से कमल खिला दिया। वर्ष 2019 में एक बार फिर भाजपा के ही प्रत्याशी व फायरब्रांड नेता कहे जाने वाले गिरिराज सिंह ने इस सीट पर कब्जा बरकरार रखते हुए तमाम विपक्षियों को कड़ी शिकस्त दी।
भाजपा किसी भी कीमत में इस सीट को गंवाना नहीं चाहती
बेगूसराय लोकसभा सीट से इस बार एनडीए के प्रत्याशी गिरिराज सिंह व महागठबंधन के भाकपा प्रत्याशी अवधेश राय आमने-सामने हैं। एक बार फिर जहां वामदल अपनी वापसी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं भाजपा किसी भी कीमत में इस सीट को गंवाना नहीं चाहती है। नतीजा है कि यह सीट हॉट सीट बना हुआ है और पूरे देश की निगाहें इस सीट पर टिकी हुई है।
भाकपा ने तीन बार के विधायक अवधेश राय को बेगूसराय से उम्मीदवार बनाया है। इस बार विपक्ष एकजुट है। यानी कांग्रेस, वामदल और राजद एक साथ चुनावी मैदान में डटे हैं। यही गिरिराज की सबसे बड़ी चिंता है। गिरिराज का भूमिहार जाति से आना और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना उनके लिए थोड़ी राहत की बात है।
अवधेश राय भी खुद भूमिहार होने का हवाला देकर अपने लिए वोट मांग रहे हैं
भूमिहारों के दबदबे वाले बेगूसराय में आजादी के बाद से सिर्फ एक बार ही गैर भूमिहार उम्मीदवार सांसद बना है। लोग कह कह रहे हैं, ‘गिरिराज मजबूरी है- मोदी जरूरी है।’ वहीं गिरिराज सिंह खुलकर कहते हैं कि ‘मेरी गलती की सजा मोदी जी को मत दीजिए, मुझको नहीं मोदी जी को वोट दीजिये। वहीं अवधेश राय भी खुद भूमिहार होने का हवाला देकर अपने लिए वोट मांग रहे हैं।
बता दें बेगूसराय में करीब 21 लाख मतदाताओं में सर्वाधिक तीन लाख से ज्यादा भूमिहार जाति के मतदाता हैं। वहीं 2.5 लाख के करीब यादव-अल्पसंख्यक मतदाता हैं। गिरिराज के पक्ष में जहां अमित शाह, नितिन गडकरी, नीतीश कुमार, योगी आदित्यनाथ जैसे कई दिग्गज प्रचार कर चुके हैं, तो दूसरी ओर अवधेश राय के लिए चुनाव प्रचार में वैसा जोरशोर नहीं दिखा।