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रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रतिबंध PMC बैक, 12 निदेशकों में से कई के लिंक भाजपा से

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 27, 2019 12:42 IST

यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है, जबकि अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से रोजगार का नुकसान हो रहा है और लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक के पेआउट्स को फ्रीज कर दिया है,  जिससे लोग परेशान हैं।

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ठळक मुद्देइसी बीच बैंक के 12 डायरेक्टर्स में से कई के भारतीय जनता पार्टी से लिंक सामने आए हैं। रजनीत सिंह भाजपा के लिए मुलुंड से चार बार विधायक रह चुके सरदार तारा सिंह के बेटे हैं।खुद रजनीत पार्टी के सदस्य हैं और माना जा रहा है कि वह पिता की जगह मुलुंड से टिकट पाने की कोशिश कर सकते हैं। 

मुंबई के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर नियामकीय खामियों की वजह से रिजर्व बैंक द्वारा कुछ पांबदियां लगाए जाने से जमाकर्ता घबराए हुए हैं।

यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है, जबकि अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से रोजगार का नुकसान हो रहा है और लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक के पेआउट्स को फ्रीज कर दिया है,  जिससे लोग परेशान हैं।

इसी बीच बैंक के 12 डायरेक्टर्स में से कई के भारतीय जनता पार्टी से लिंक सामने आए हैं। रजनीत सिंह भाजपा के लिए मुलुंड से चार बार विधायक रह चुके सरदार तारा सिंह के बेटे हैं। खुद रजनीत पार्टी के सदस्य हैं और माना जा रहा है कि वह पिता की जगह मुलुंड से टिकट पाने की कोशिश कर सकते हैं। 

रजनीत खुद एक पार्टी के सदस्य हैं और कहा जाता है कि वह अपने 75 वर्षीय पिता की जगह लेने के लिए मुलुंड से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांग रहे हैं। 2017 के बीएमसी चुनाव के लिए रजनीत ने मुलुंड से बीजेपी का टिकट हासिल करने की कोशिश की थी, लेकिन तत्कालीन भाजपा सांसद किरीट सोमैया के बेटे नील सोमैया को टिकट दे दिया गया। इस मामले में वह पिछड़ गए। इस बार वह फिर टिकट की दौड़ में हैं। 

रिजर्व बैंक ने मंगलवार को पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) से  6 के लिए सिर्फ 1 हजार रुपये निकाल पाने की कैप लगा दी है। बैंक कोई लोन भी नहीं दे सकेगा। सीनियर अधिकारियों ने बताया है कि नुकसानदायक कर्जों की खराब जानकारी और दिवाला हो चुकी हाउसिंग डिवेलपमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को 2500 करोड़ रुपये का कर्ज देने के पीछे यह कार्रवाई की गई है।

रजनीत का कहना है कि 13 साल में डायरेक्टर के तौर पर यह उनका तीसरा टर्म है। उन्होंने कहा, 'मैं बैंक के रोजाना के कामकाज का हिस्सा नहीं हूं और न ही मुझे किसी लोन के बारे में पता है। हम रिजर्व बैंक से कैप हटाने की गुजारिश कर रहे हैं। हम ग्राहकों से अपील करते हैं कि डरें नहीं।'

वहीं, कांग्रेस ने बैंक डायरेक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है। शहर के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा है, 'लगभग सभी बैंक डायरेक्टरों का बीजेपी से संबंध है। वे ग्राहकों को हो रहीं परेशानियों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने डिफॉल्ट रियल एस्टेट कंपनियों को कर्ज दिए और ऑडिट रिपोर्ट से छेड़छाड़ की।'

मुंबई के सहकारी बैंक के बाहर लगी जुटी भीड़, बैंक में जमा धन को लेकर लोग चिंतित

डूबे कर्ज यानी एनपीए को कम कर दिखाने और कई अन्य नियामकीय खामियों के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने पीएमसी पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। इन पाबंदियों के तहत बैंक के ग्राहकों के लिए 1,000 रुपये तक की निकासी की सीमा तय की गई है। वहीं बैंक के नया कर्ज देने पर भी रोक लगाई गई है।

पूर्वी उपनगर भांडुप स्थित पीएमसी के मुख्यालय के बार जमा सैकड़ों जमाकर्ताओं के मन में अपना पैसा डूबने का डर था। बैंक पर पाबंदियों की खबर के बाद ये लोग मुख्यालय के बाहर जुटे थे। हालांकि, रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसने पीएमसी का लाइसेंस रद्द नहीं किया है। इसके बावजूद लोगों का डर बढ़ रहा है। पीएमसी की शाखाओं पर पहुंचने वाले ग्राहकों में तिपहिया चालक से लेकर छोटे कारोबारी, पेंशनभोगी, गृहणियां और उम्रदराज लोग शामिल थे।

बैंक के मुख्यालय के बाहर इस संवाददाता को ऐसा तिपहिया चालक मिला जिसके बैंक में 10,000 रुपये जमा थे। वहीं एक छोटा कारोबारी भी था जिसकी 60,000 रुपये की ईएमआई पीएमसी के खाते के जरिये जा रही है। एक गृहणी भी वहां थी, जिसका किसी और बैंक में खाता नहीं है। बैंक के मुख्यालय के बाहर ऐसे लोगों की कतार लगी थी जो मात्र एक हजार रुपये निकाल रहे थे। रिजर्व बैंक ने बैंक के ग्राहकों को एक हजार रुपये तक ही निकालने की अनुमति दी है।

मुख्यालय से बाहर आई एक बुजुर्ग महिला ने कहा, ‘‘मैंने 1,000 रुपये निकाले हैं। अब बैंक वाले कह रहे हैं कि छह महीने बाद ही दोबारा पैसे निकाल सकते हैं।’’ आंखों में आंसू लिए हुए इस महिला ने कहा, ‘‘मैं आज हूं कल का क्या भरोसा।’ कई ग्राहक इस बात को लेकर परेशान थे उनका ईएमआई बैंक के खाते से कट रहा है। एक दुकानदार ने कहा,‘‘मेरा 60,000 रुपये का ईएमआई बैंक खाते से कट रहा है। अगर उन्होंने आगे इसकी अनुमति नहीं दी तो मेरा सिबिल स्कोर खराब हो जाएगा।’’ एक तिपहिया चालक ने कहा,‘‘मेरा 10,000 रुपया बैंक में है। नहीं मालूम अब क्या होगा।’’ 

टॅग्स :महाराष्ट्रपंजाब & महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक)भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)मुंबईकांग्रेसभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
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