दरियागंज हिंसा: भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद की जमानत अर्जी खारिज, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, तिहाड़ जेल भेजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 21, 2019 07:20 PM2019-12-21T19:20:47+5:302019-12-21T19:36:23+5:30
आज दोपहर गिरफ्तार किये गए आजाद ने इस आधार पर जमानत मांगी कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उन्होंने जामा मस्जिद पर जमा भीड़ को दिल्ली गेट जाने के लिये उकसाया था, जहां पहुंचकर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए।
पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हिंसा के संबंध में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को शनिवार को एक अदालत में पेश किया गया और पुलिस ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आज़ाद को तीस हजारी कोर्ट से तिहाड़ जेल ले जाया गया।
दिल्ली की एक अदालत ने दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आज दोपहर गिरफ्तार किये गए आजाद ने इस आधार पर जमानत मांगी कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उन्होंने जामा मस्जिद पर जमा भीड़ को दिल्ली गेट जाने के लिये उकसाया था, जहां पहुंचकर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए।
पुलिस ने गवाहों को धमकाने का अंदेशा जताते हुए जमानत का विरोध किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनकी न्यायिक हिरासत जरूरी है। इससे पहले, एक वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि वह जांच अधिकारी को आजाद के ठिकानों की जानकारी देने का निर्देश दे।
अदालत ने दरियागंज में हिंसा के संबंध में गिरफ्तार 15 लोगों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आजाद के संगठन ने नये नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार को पुलिस की अनुमति के बिना जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च आयोजित किया था। जामा मस्जिद से जंतर-मंतर की ओर जा रहे प्रदर्शनकारियों को दिल्ली गेट के निकट पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने रोक लिया था, जिसके बाद वे हिंसक हो गए और एक कार को आग के हवाले कर दिया तथा कुछ अन्य वाहनों को नुकसान भी पहुंचाया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिये लाठी चार्ज और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
आज दोपहर गिरफ्तार किये गए आजाद ने इस आधार पर जमानत मांगी कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उन्होंने जामा मस्जिद पर जमा भीड़ को दिल्ली गेट जाने के लिये उकसाया था, जहां पहुंचकर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। पुलिस ने गवाहों को धमकाने का अंदेशा जताते हुए जमानत का विरोध किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये उनकी न्यायिक हिरासत जरूरी है।
इससे पहले, एक वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि वह जांच अधिकारी को आजाद के ठिकानों की जानकारी देने का निर्देश दे। अदालत ने दरियागंज में हिंसा के संबंध में गिरफ्तार 15 लोगों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
Delhi: Bhim Army Chief, Chandrashekhar Azad being taken to Tihar jail from Tis Hazari Court. He has been sent to 14-day judicial custody. He was earlier denied permission for a protest march from Jama Masjid to Jantar Mantar. https://t.co/7e1OzzgA1Upic.twitter.com/IzlWJtMRtZ
— ANI (@ANI) December 21, 2019
भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने मांगी जमानत, पुलिस ने गवाहों को धमकाने का अंदेशा जताते हुए जमानत का विरोध किया। दरियागंज में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की है थी। दरियागंज में हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किए गए भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
अदालत ने सीमापुरी हिंसा में गिरफ्तार 11 व्यक्तियों को भेजा न्यायिक हिरासत में
दिल्ली की एक अदालत ने सीमापुरी में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाकर्मियों पर कथित रूप से पथराव करने को लेकर गिरफ्तार 11 लोगों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा। इस मामले से जुड़े एक वकील ने यह जानकारी दी।
आरोपियों के वकील नित्य रामकृष्णन ने बताया कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयंक मित्तल ने आरोपियों को जेल भेज दिया क्योंकि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की नहीं की। सीमापुरी में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाकर्मियों पर कथित रूप से पथराव करने को लेकर 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया ।
पथराव में एक अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त घायल हो गए थे। पुलिस ने शनिवार को बताया कि अतिरिक्त डीसीपी, शाहदरा जिला रोहित राजबीर सिंह को इस घटना में मामूली चोटें आईं। अब वह ठीक हैं। पहले पुलिस ने कहा था कि सीमापुरी के आसपास के क्षेत्रों से पांच बाहरियों को इस घटना के सिलसिले में हिरासत में लिया गया है।
बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। छह और लोग भी दंगा फैलाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिसकर्मियों को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए बल प्रयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किये गये। पुलिस के अनुसार संदेह है कि ये लोग इलाके में गड़बड़ी फैलाने के इरादे से पहुंचे थे।