बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को आए सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने हैरानी जताई है। अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा कि ये फैसला चौंकाने वाला है और यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में किए गए ऑब्जर्वेशन के के भी विपरीत है।
अहमद पटेल की ये प्रतिक्रिया उस फैसले को लेकर आई है जिसमें सभी 32 आरोपियों को मामले में बरी कर दिया गया। इस फैसले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी हैरानी जताई।
ओवैसी ने फैसला आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'सीबीआई कोर्ट का फैसला भारतीय न्यायिक व्यवस्था के लिए एक काला दिन है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि कानून की धज्जियां उड़ाई गईं और सोच-समझकर पूजा के एक स्थल को खत्म किया गया।'
शिवसेना और बीजेपी ने जताई खुशी
इस फैसले पर शिवसेना की ओर से संजय राउत ने खुशी जताते हुए लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित उन लोगों को बधाई देते हैं जो इस मामले में बरी हुए। राउत ने कहा कि वे इस फैसले का स्वागत करते हैं।
वहीं, बीजेपी ने इस मामले में फैसले को 'सत्य की जीत’ करार दिया। अदालत के फैसले के तत्काल बाद बीजेपी के संगठन महासचिव बी एल संतोष ने ट्वीट किया, ‘बाबरी इमारत विध्वंस मामले में आरोपी सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। अदालत ने विध्वंस के पीछ किसी प्रकार के षडयंत्र होने की बात को खारिज किया है। अदालत ने माना है कि विध्वंस उकसावे की तात्कालिक प्रतिक्रिया का परिणाम था। सत्य की जीत होती है।’
वहीं, 32 आरोपियों में से एक आडवाणी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘विशेष अदालत का आज का जो निर्णय हुआ है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है और वह हम सबके लिए खुशी का प्रसंग है। जब हमने अदालत का निर्णय सुना तो हमने जय श्री राम का नारा लगाकर इसका स्वागत किया।’
अदालत के फैसले के बाद 92 वर्षीय आडवाणी अपने कमरे से बाहर निकले और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए मीडिया का अभिवादन किया। अदालत जब अपना फैसला सुना रही थी उस वक्त आडवाणी अपने परिवार के सदस्यों के साथ टेलीविजन देख रहे थे।
(भाषा इनपुट)