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राम मंदिर ट्रस्ट को मोदी कैबिनेट से मंजूरी, अब जल्द होगा भव्य मंदिर का निर्माण

By स्वाति सिंह | Updated: February 5, 2020 11:13 IST

राम मंदिर ट्रस्ट में दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान तीनों से एक-एक सदस्य को शामिल किया जाएगा। बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे का निपटारा करते हुए अपने ऐतिहासिक फैसले में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था

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ठळक मुद्देराम मंदिर ट्रस्ट को बुधवार को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।अमित शाह ट्रस्ट के सदस्यों के नाम का भी ऐलान कर सकते हैं।

राम मंदिर ट्रस्ट को बुधवार को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।  बताया जा रहा है कि अमित शाह ट्रस्ट के सदस्यों के नाम का भी ऐलान कर सकते हैं। यह भी बताया जा रहा है कि इस ट्रस्ट में महंत नृत्य गोपाल दास को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

साथ ही राम मंदिर ट्रस्ट में दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान तीनों से एक-एक सदस्य को शामिल किया जाएगा। बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे का निपटारा करते हुए अपने ऐतिहासिक फैसले में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और इसके लिए ट्रस्ट के गठन तथा मस्जिद के लिए जमीन देने का निर्णय किया था।

मंत्रालय ने राम मंदिर निर्माण के वास्ते ट्रस्ट बनाने के लिए एक आधारभूत ढांचा तैयार किया है और उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली जमीन की पहचान की है। समूचा प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद ट्रस्ट निर्माण की घोषणा और मस्जिद के लिए पांच एकड़ का प्लॉट देने की पेशकश जल्द ही की जाएगी, संभवत: एक सप्ताह के भीतर। अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को तीन प्लॉट की पेशकश की जाएगी जिससे कि वह कोई एक उपयुक्त प्लॉट चुन सके।

शीर्ष अदालत ने नौ नवंबर 2019 के अपने निर्णय में अयोध्या में ट्रस्ट के माध्यम से संबंधित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को नयी मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ का प्लॉट दे। शीर्ष अदालत ने कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन तीन महीने के भीतर होना चाहिए।

इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सभी चीजें केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखी जाएंगी जिससे कि अंतिम निर्णय किया जा सके। अयोध्या से जुड़े सभी मामलों और संबंधित अदालती आदेशों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक समर्पित डेस्क पर काम किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में तीन अधिकारी डेस्क संबंधी दायित्व निभाते हैं। 

टॅग्स :राम मंदिरसुप्रीम कोर्टअयोध्या फ़ैसला
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