नई दिल्ली: दिल्ली के हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की जिस छत का हिस्सा गिरा है, उसका निर्माण 2008-09 में हुआ था। इस काम को कंपनी जीएमआर ने निजी ठेकेदारों को ठेके पर दिया था। पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी साझा की। यही नहीं, केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने भी कहा कि प्रभावित इमारत 2009 में बनाई गई थी।
उन्होंने कहा, "हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं...मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस इमारत का उद्घाटन किया वह दूसरी तरफ है, और यहां जो इमारत गिरी है वह एक पुरानी इमारत है और 2009 में खोली गई थी। हमने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) से सत्यापन और जांच करने के लिए भी कहा है। मंत्रालय के अधिकारी भी निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।"
उन्होंने मृतकों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 3 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अधिकारियों ने कहा कि सुबह करीब साढ़े पांच बजे घटना की सूचना मिलने के बाद तीन दमकल गाड़ियों को हवाईअड्डे के टर्मिनल-1 (टी1) पर भेजा गया। छत की शीट के अलावा सपोर्ट बीम ढह गए, जिससे टर्मिनल के पिक-अप और ड्रॉप क्षेत्र में खड़ी कारों को नुकसान पहुंचा।
उन्होंने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया कि क्षतिग्रस्त वाहनों के अंदर कोई न फंसा हो। घायल लोगों को हवाई अड्डे के पास मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि छह घायलों में से एक व्यक्ति को उस कार से बचाया गया जिस पर लोहे की बीम गिरी थी। मलबा हटाने का काम चल रहा था।
दिल्ली एयरपोर्ट की छत गिरने की घटना पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह राजपूत ने दावा किया कि बीजेपी और पीएम मोदी का भ्रष्टाचार अब सबके सामने है। उन्होंने इसी टर्मिनल का उद्घाटन किया। किसी वरिष्ठ मंत्री की कार भी वहां हो सकती थी।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, या डायल, जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और फ्रापोर्ट एजी फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट सर्विसेज वर्ल्डवाइड के बीच एक संघ के रूप में गठित एक संयुक्त उद्यम है।