मुंबईः महाराष्ट्र में दो शहर का नाम बदल गया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों का नाम क्रमशः छत्रपति संभाजी नगर और धाराशिव करने की मंजूरी दे दी। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और कहा कि केंद्र सरकार को महाराष्ट्र के दोनों जिलों के नाम बदलने पर "कोई आपत्ति नहीं" है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने गृह मंत्रालय (एमएचए) से स्वीकृति पत्र संलग्न किया। फड़नवीस ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अपने संकल्प का "प्रदर्शन" किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित भाई शाह को धन्यवाद दिया है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने ट्विटर पर यह खबर साझा की। औरंगाबाद का नाम मुगल शासक औरंगजेब पर, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था। छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े बेटे छत्रपति संभाजी उनके पिता द्वारा स्थापित मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक थे।
संभाजी महाराज को 1689 में औरंगजेब के आदेश पर फांसी दे दी गयी थी। वहीं, कुछ विद्वानों के अनुसार उस्मानाबाद के समीप एक गुफा धाराशिव आठवीं सदी की है। हिंदू दक्षिणपंथी संगठन इन दो शहरों के नाम बदलने की मांग लंबे समय से कर रहे थे। फड़नवीस ने गृह मंत्रालय द्वारा राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव को 24 फरवरी को लिखे दो पत्र ट्वीट किए।
पत्रों में कहा गया है कि केंद्र को मध्य महाराष्ट्र के इन दो शहरों के नाम बदलने पर कोई आपत्ति नहीं है। फड़नवीस ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने ‘‘वह कर दिखाया, जिसका वादा किया था।’’
गौरतलब है कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने का फैसला शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल का आखिरी निर्णय था। एकनाथ शिंदे नीत नयी सरकसार ने मंत्रिमंडल के उस फैसले को रद्द कर दिया था और इस बारे में नए सिरे से फैसला किया था।
शिवसेना लंबे समय से नाम बदलने की कोशिश कर रही थी। पिछले साल महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र कैबिनेट ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद सहित दो जिलों के लिए एक नाम परिवर्तन को मंजूरी दी थी।