नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के कुछ दिनों बाद, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को भी वापस लिया जाना चाहिए।
रविवार को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सीएए और एनआरसी को खत्म नहीं किया गया, तो प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरेंगे और इसे शाहीन बाग में बदल देंगे।
ओवैसी ने कहा कि सीएए संविधान के खिलाफ है अगर भाजपा सरकार ने इस कानून को वापस नहीं लिया तो हम सड़कों पर उतरेंगे और यहां एक और शाहीन बाग बनेगा।
बता दें कि, दिल्ली का शाहीन बाग सीएए और एनआरसी के विरोध का केंद्र रहा था। वहां सीएए के खिलाफ आंदोलन के लिए सैकड़ों महिलाओं ने कई महीनों तक डेरा डाला था, दिल्ली पुलिस ने 2020 की शुरुआत में कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद धरना स्थल खाली करा दिया था।
इसके साथ ही ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सबसे बड़ा 'नौटंकीबाज' (अभिनेता) बताते हुए कहा था कि गनीमत है कि वह राजनीति में आ गये वरना फिल्म इंडस्ट्री वालों का क्या होता।
ओवैसी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री मोदी देश के सबसे बड़े नौटंकीबाज हैं और गलती से राजनीति में आ गए, वरना बेचारे फिल्म इंडस्ट्री वालों का क्या होता, सारे अवार्ड तो मोदी जी ही जीत जाते।’’
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरी तपस्या में कमी रह गई, उससे साफ तौर से जाहिर हो रहा है कि आखिर हमारे देश के प्रधानमंत्री कितने बड़े ऐक्टिंगबाज हैं।’’
ओवैसी ने कहा, ''आंदोलन में 750 किसान मर गये फिर भी अपनी जमीन नहीं छोड़ी और डटे रहे, तपस्या उसे कहते हैं और आप (मोदी) कहते हैं कि मेरी तपस्या में कोई कमी रह गई। अरे मोदी जी अपने आप को हीरो बनाने में आप कभी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।'' उन्होंने आरोप लगाया कि आगामी चुनाव को देखते हुए मोदी ने काला कानून वापस लिया है।