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'बीजेपी को बचाने के लिए जमात को बनाया गया बलि का बकरा', असदुद्दीन ओवैसी का BJP पर निशाना

By स्वाति सिंह | Updated: August 22, 2020 23:55 IST

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने कहा है कि इस साल मार्च में दिल्ली में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी नागरिकों को ‘‘बलि का बकरा’’ बनाया गया और उनपर आरोप लगाया गया कि देश में कोविड-19 को फैलाने के लिए वे जिम्मेदार थे।

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ठळक मुद्देबॉम्बे हाईकोर्ट ने तबलीगी जमात मामले में विदेशियों सहित कई लोगों के खिलाफ दायर एफआईआर को खारिज किया है। असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा है।

नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनिवार को तबलीगी जमात मामले में विदेशियों सहित कई लोगों के खिलाफ दायर एफआईआर को खारिज किया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा है कि बीजेपी कोरोना महामारी के संभावित खतरे को कम कर रही थी।

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'यह समयबद्ध निर्णय है। बीजेपी महामारी के संभावित खतरे को कम कर रही थी। बीजेपी को आलोचना से बचाने के लिए मीडिया ने तबलीगी जमात को बलि का बकरा बनाया। इस प्रचार के परिणामस्वरूप पूरे भारत में मुसलमानों को भयानक घृणा अपराधों और हिंसा का सामना करना पड़ा।'

29 विदेशियों के खिलाफ दर्ज की गई थी FIR

बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने कहा है कि इस साल मार्च में दिल्ली में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी नागरिकों को 'बलि का बकरा' बनाया गया और उनपर आरोप लगाया गया कि देश में कोविड-19 को फैलाने के लिए वे जिम्मेदार थे। जस्टिस टी वी नलावडे और जस्टिस एम जी सेवलिकर की पीठ ने 29 विदेशियों के खिलाफ दायर प्राथमिकियों को खारिज करते हुए 21 अगस्त को यह टिप्पणी की। 

बता दें कि दिल्ली स्थित निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में पर्यटन वीजा शर्तों का कथित तौर पर उल्लंघन करने के सिलसिले में 29 विदेशी नागरिकों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं, महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसपर कोर्ट ने अपने आदेश में रेखांकित किया कि दिल्ली में मरकज में आए विदेशी लोगों के खिलाफ बड़ा दुष्प्रचार किया गया था। 

तबलीगी जमात केस में विदेशियों के खिलाफ FIR रद्द

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'महामारी या विपत्ति आने पर राजनीतिक सरकार बलि का बकरा ढूंढने की कोशिश करती है और हालात बताते हैं कि संभावना है कि इन विदेशी लोगों को बलि का बकरा बनाने के लिए चुना गया था।' इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा, 'जमातियों की मदद करने के बजाय, हमने उन पर यह आरोप लगाकर जेलों में डाल दिया कि वे यात्रा दस्तावेजों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार हैं और वे कोरोना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं।' 

कोर्ट ने कहा, 'तबलीगी जमात की गतिविधि दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद ही बंद हो गई थी और तब तक (घोषणा तक) यह चल रही थी।' अदालत ने कहा, 'कोविड-19 महामारी से पैदा हुई स्थिति के दौरान, हमें अधिक सहिष्णुता दिखाने की जरूरत है और अपने मेहमानों के प्रति अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है, विशेष रूप से वर्तमान याचिकाकर्ताओं की तरह।'

टॅग्स :तबलीगी जमातअसदुद्दीन ओवैसीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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