दिल्ली: तवांग विवाद पर एक बार फिर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए सीधा आरोप लगाया है कि सरकार अभी भी बहुत कुछ छुपा रही है और गंभीर मसलों को सबके सामने नहीं रख रही है। बीते 13 दिसंबर को तवांग विषय की जानकारी होने के बाद भी हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने काफी मजबूती से यह सवाल खड़ा किया था कि जब घटना बीते 9 दिसंबर की है और संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है तो फिर सरकार क्यों खामोश रही और संसद में इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी।
इस संबंध में गुरुवार को भी एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार को फिर से कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है। उन्होंने लंदन के अखबार 'द टेलीग्राफ' का हवाला दिया है। जिसके दक्षिण एशियाई संवाददाता जो वॉलेन ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी के सूत्र से बताया है कि हाल के महीनों में चीनी सेना द्वारा अरुणाचल सीमा पर बार-बार इस तरह के घुसपैठ का प्रयास किया जा रहा था और उस कारण भारतीय सेना के साथ चीनी सिपाहियों की कई बार भिड़ंत भी हुई लेकिन भारत द्वारा इस तथ्य को छुपाया गया ताकि आम जनमानस में इसे लेकर कोई भय न पैदा हो।
असदुद्दीन ओवैसी ने टेलीग्राफ के पत्रकार जो वॉलेन के इन्ही तथ्यों के आधार पर ट्वीट करते हुए कहा, "इतने बड़े पैमाने पर मोदी सरकार द्वारा तथ्यों को छुपाया जा रहा है। क्या यह मुद्दा संसद में बहस के लिए जरूरी नहीं है और क्या प्रधानमंत्री को इसका जवाब नहीं देना चाहिए। आखिर क्यों सच अपने लोगों से छुपाया जा रहा है।"
इसके अगले ट्वीट में ओवासी कहते हैं, "यदि ब्रिटिश समाचार पत्र की रिपोर्ट सही है तो इसका सीधा मतलब है कि सीमा पर चीन के साथ विवाद जितना बताया जा रहा है, उससे कहीं ज्यादा परेशानी पैदा करने वाला है और लद्दाख से अरूणाचल तक के लिए हमें गंभीर होना पड़ेगा। इस विषय में सरकार को जवाब देना ही चाहिए।"
वहीं तीसरे और आखिरी ट्वीट में ओवैसी ने कहा, "हमारी देश की सेना काफी मजबूत है लेकिन प्रधानमंत्री बेहद कमजोर हैं। वो तो चीन का नाम लेने से भी डर रहे हैं, वो सवालों से भाग रहे हैं और बड़ी मुश्किल पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं। केवल बहस से इसका हल ढूंढा जा सकता है और मामले में सरकार के रवैये को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।"