नई दिल्ली:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल गिरने के बाद उन्हें चाय और बिस्कुट के लिए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से बाहर लाया गया। यह हादसा तब हुआ जब सीएम अरविंद को कोर्टरूम से केंद्रीय जांच ब्यूरो ने औपचारिक रूप से अपनी गिरफ्त में लिया। रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी मुखिया के शुगर लेवल कम होने के बाद उन्हें अदालत की अनुमति से अहलमाद के कमरे में ले जाया गया, इस दौरान उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी उनके साथ रहीं।
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में बुधवार को सीबीआई केजरीवाल को कोर्ट में लेकर पहुंची थी। फिलहाल मंगलवार को अदालत द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट के अनुपालन में उन्हें अवकाशकालीन न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में पेश किया गया।
सीबीआई ने केजरीवाल को अपनी हिरासत में तब लिया, जब अवकाशकालीन दिल्ली कोर्ट के जज ने सीबीआई को अदालत कक्ष में उससे पूछताछ करने अनुमति दे दी। इसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया।
अदालत ने सीबीआई से यह भी कहा कि उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके पास जो सामग्री है उसे रिकॉर्ड पर पेश किया जाए। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित केजरीवाल के जमानत आदेश पर रोक लगाने के बाद सीबीआई की गिरफ्तारी हुई। 20 जून को ट्रायल जज ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी थी।
फिर अगले दिन ईडी ने जमानत आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष एक तत्काल याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने जमानत आदेश पर रोक लगाने के लिए ईडी के आवेदन पर दोनों पक्षों को बड़े पैमाने पर सुना और आदेश की घोषणा तक केजरीवाल की रिहाई पर रोक लगा दी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को कम से कम आदेश पारित करने से पहले धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 की जुड़वां शर्तों की पूर्ति के साथ अपनी संतुष्टि दर्ज करनी चाहिए थी।