नई दिल्ली: दिल्ली की मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता आतिशी ने बीते सोमवार को कहा कि अदालत के आदेश के बाद यह बात सिद्ध हो गई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, "राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले से साबित होता है कि पिछले 22 दिनों से तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में अरविंद केजरीवाल को उचित चिकित्सा देखभाल नहीं मिल रही थी।"
उन्होंने आगे कहा कि आज 22 दिन की न्यायिक हिरासत के बाद कोर्ट ने आदेश दिया है कि एक विशेषज्ञ मधुमेह चिकित्सक और एक ऑन्कोलॉजिस्ट का एक मेडिकल बोर्ड बनाया जाए, जो अरविंद केजरीवाल के इलाज का पूरा ख्याल रखेगा।
आतिशी ने इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ''इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि 22 दिनों तक इतनी गंभीर मधुमेह होने के बावजूद और उनका शुगर लेवल 300 से ऊपर होने के बाद भी उन्हें प्रर्थना करने के बाद भी जेल में इलाज नहीं दिया जा रहा था।''
उन्होंने जोर देकर कहा, "इसलिए हमें उम्मीद है कि आज ही एम्स का मेडिकल बोर्ड, जिसमें विशेषज्ञ मधुमेह डॉक्टर होंगे। वो अरविंद केजरीवाल की जांच करेंगे और उन्हें आज से ही आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।"
इस बीच, राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें जेल अधिकारियों को इंसुलिन देने का निर्देश देने और उनकी मधुमेह और रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव के संबंध में रोजाना 15 मिनट के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से परामर्श करने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
हालांकि, अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को केजरीवाल के स्वास्थ्य की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आदेश पारित करते हुए कहा कि इंसुलिन के प्रशासन के लिए आवेदक की प्रार्थना के लिए निर्देश पारित किए जाते हैं और यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि आवेदक को सभी आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान किए जाएं।
कोर्ट ने कहा, "यद्यपि यह तिहाड़ जेल अधिकारियों का प्राथमिक कर्तव्य बना रहेगा, जो आवेदक के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए पूरी तरह से जवाबदेह हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि केजरीवाल को जेल में सभी आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान किए जाएं, हालांकि, विशेष परामर्श के लिए किसी भी आवश्यकता की स्थिति में जेल अधिकारी 20 अप्रैल को किए गए अनुरोध के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड से परामर्श करेंगे, जिसमें एक वरिष्ठ एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, मधुमेह विशेषज्ञ शामिल होंगे। जिसे डीजी, तिहाड़ जेल को भेजा गया है।“