Arvind Kejriwal Bail Order LIVE:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 156 दिन की जेल के बाद जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए उन्हें जमानत दी है। हालांकि, कोर्ट ने जमानत के साथ कई शर्तें लागू करते हुए आप नेता को यह राहत दी है।
जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा कि लंबे समय तक जेल में रहना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण वंचना है।
कथित आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने पांच शर्तों के तहत जमानत दी है।
इन पांच शर्तों के तहत मिली जमानत
- अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के जमानत बांड के अधीन जमानत दी गई है।
- दिल्ली सीएम को अदालतों द्वारा छूट दिए जाने तक सुनवाई के लिए उपस्थित रहना होगा।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री चल रहे दिल्ली शराब नीति मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
- बतौर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते।
- केजरीवाल जमानत पर बाहर रहते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में प्रवेश नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान जस्टिस भुयान ने केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई की इस तरह की कार्रवाई गिरफ्तारी के समय पर गंभीर सवाल उठाती है और सीबीआई की इस तरह की गिरफ्तारी से ईडी मामले में दी गई जमानत पर असर पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट उन्होंने कहा कि ईडी मामले में जमानत पर होने के बावजूद केजरीवाल को जेल में रखना न्याय का मजाक उड़ाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल को ईडी मामले में जमानत दी गई थी और सीबीआई मामले में उन्हें और हिरासत में रखना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। जस्टिस भुयान ने यह भी कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है। जज ने कहा, "मुकदमे की प्रक्रिया या गिरफ्तारी की ओर ले जाने वाले कदम उत्पीड़न नहीं बनने चाहिए।" सीबीआई की गिरफ्तारी "अनुचित" है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल और सीबीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की सुनवाई के बाद 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल द्वारा जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट का दरवाजा न खटखटाने पर आपत्ति जताई।
केजरीवाल ने जमानत के लिए सीधे दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और फिर सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। 5 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को "कानूनी" करार दिया। इसने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि पर्याप्त सबूत एकत्र किए जाने और अप्रैल 2024 में मंजूरी मिलने के बाद ही सीबीआई उनके खिलाफ आगे की जांच शुरू करेगी।