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अरुणाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर 36 घंटे चली हड़ताल, 100 हिरासत में, 25 के खिलाफ राज्य यूएपीए के तहत मामला दर्ज

By विशाल कुमार | Updated: January 15, 2022 10:40 IST

न्याशी आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाला ऑल ऑल न्याशी यूथ एसोसिएशन (एएनवाईए) का आरोप है कि खांडू 2000 करोड़ रुपये के सरकारी फंड के घोटाले में शामिल हैं।

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ठळक मुद्देअरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के इस्तीफे की मांग को लेकर 36 घंटे चली हड़ताल।आरोप है कि खांडू 2000 करोड़ रुपये के सरकारी फंड के घोटाले में शामिल हैं।करीब 25 सदस्यों पर राज्य यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अगरतला:अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के इस्तीफे की मांग को लेकर ऑल ऑल न्याशी यूथ एसोसिएशन (एएनवाईए) द्वारा बुलाए गए 36 घंटे के हड़ताल के बाद शुक्रवार को राज्य में करीब 100 लोगों को हिरासत में ले लिया। एएनवाईए राज्य का एक बड़ा आदिवासी युवा समूह है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों द्वारा अवैध घोषित किए गए हड़ताल का आह्वान करने वाले करीब 25 सदस्यों पर राज्य के बेहद सख्त कानून अरुणाचल प्रदेश गैरकानूनी गतिविधियां (निवारक) अधिनियम, 2014 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

अरुणाचल प्रदेश गैरकानूनी गतिविधियां (निवारक) अधिनियम, 2014 देश के अन्य हिस्सों में लागू यूएपीए से अलग है अवैध शराब की बिक्री जैसे आपराधिक गतिविधियों के साथ राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकने वालों पर भी लागू होती है।

शुक्रवार शाम को हड़ताल खत्म होने के बाद पुलिस ने इसे भाजपा सरकार को गिराने, अव्यवस्था फैलाने और सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश के साथ लोगों की जान को खतरे में डालने की गहरी साजिश करने का आरोप लगाया।

न्याशी आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाला एएनवाईए का आरोप है कि खांडू 2000 करोड़ रुपये के सरकारी फंड के घोटाले में शामिल हैं। पुलिस ने दावा किया कि हिरासत में लिए गए लोगों ने हड़ताल के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले गुलेल और स्थानीय खंजर जैसे हथियार लाने की बात कबूल की थी।

इससे पहले प्रशासन ने हड़ताल रोकने के इरादे से बुधवार को ईटानगर और आस-पास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी थी और हड़ताल खत्म होने के बाद ये वापस शुरू हो गए।

एएनवाईए की हड़ताल इन्हीं आरोपों के संबंध में दायर की गई एक याचिका को पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद बुलाई गई थी. अरुणाचल जस्टिस फोरम ने याचिका दाखिल कर खांडू के खिलाफ जांच की मांग की थी।

टॅग्स :अरुणाचल प्रदेशUAPAपेमा खांडूBJPPolice
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