Article 370:  लगातार 8वें शुक्रवार कश्मीर की ऐतिहासिक मस्जिदों में नमाज-ए-जुम्मा की अजान नहीं

By सुरेश डुग्गर | Published: September 27, 2019 04:31 PM2019-09-27T16:31:42+5:302019-09-27T16:31:42+5:30

स्थानीय लोग भी हिंसा की आशंका के चलते जामिया मस्जिद में नहीं आए। 5 अगस्त के बाद से यह लगातार आठवां शुक्रवार है, जब जामिया मस्जिद में नमाज ए जुम्मा नहीं हुई है।

Article 370: No prayers in Namaz-e-Jumma in historic mosques of Kashmir on 8th consecutive Friday | Article 370:  लगातार 8वें शुक्रवार कश्मीर की ऐतिहासिक मस्जिदों में नमाज-ए-जुम्मा की अजान नहीं

जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त को आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाया गया था.

Highlightsसरकारी कार्यालयों में भी आज प्रशासनिक पाबंदियों का असर नजर आया।श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के अलावा हजरतबल दरगाह और खानकाह मौला में नमाज ए जुम्मा नहीं हुई।

अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद स्थिति में सुधार के दावों के बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासन शुक्रवार को घाटी में पाबंदियां हटाने का खतरा मोल नहीं ले पा रहा है। यही कारण था कि लगातार 8वें शुक्रवार कश्मीर की ऐतिहासिक मस्जिदों में शुक्रवार को होने वाली नमाज-ए-जुम्मा की अजान नहीं हो पाई है।

आज शुक्रवार को एहतियात के तौर पर विभिन्न इलाकों में लगाई गई प्रशासनिक पाबंदियों से जनजीवन प्रभावित नजर आया। सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा। विभिन्न सड़कों पर शरारती तत्वों की आवाजाही को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने अवरोधक लगाने के अलावा नाके भी स्थापित किए थे। 

इस बीच, ऐतिहासिक जामिया मस्जिद, हजरतबल दरगाह और खानकाह मौला में लगातार आठवें शुक्रवार को नमाज ए जुम्मा की अजान नहीं हुई।
अलगाववादियों और आतंकियों के मंसूबों को भांपते हुए राज्य प्रशासन ने आज श्रीनगर के डाऊन-टाऊन समेत वादी के सभी संवेदनशील इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियों को लागू कर दिया। 

संवेदनशील इलाकों में लगायी गई पाबंदियों का असर और अलगाववादियों व आतंकियों द्वारा गड़बड़ी किए जाने की आशंका के असर से सामान्य जनजीवन प्रभावित नजर आया। सड़कों पर आज बीते दिनों की अपेक्षा वाहनों की संख्या बहुत कम रही। 
अधिकांश सड़कें सूनी ही रही। 

सरकारी कार्यालयों में भी आज प्रशासनिक पाबंदियों का असर नजर आया। अधिकांश कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति नाममात्र रही, लेकिन नागरिक सचिवालय में हाजिरी सामान्य रहने का दावा किया गया था। शिक्षण संस्थान भी बंद रहे। गली-बाजारों में बीते दिनों के दौरान अलगाववादियों व आतंकियों के फरमान को ठेंगा दिखाकर रेहड़ी, फड़ी और फुटपाथ पर अपनी दुकानें सजाने वालों की लगातार बढ़ती नजर आ रही संख्या आज बहुत कम रही।

श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के अलावा हजरतबल दरगाह और खानकाह मौला में नमाज ए जुम्मा नहीं हुई। ऐतिहासिक जामिया मस्जिद डाऊन-टाऊन के नौहटटा में स्थित है। खानकाह ए मौला भी डाऊन-टाऊन में ही है। हजरतबल दरगाह शहर के बाहरी छोर पर नसीम बाग इलाके में स्थित है। 

डाऊन-टाऊन को अलगाववादियों का गढ़ माना जाता है और प्रत्येक शुक्रवार को नमाज ए जुम्मा के बाद अक्सर पाकिस्तान समर्थक तत्व इसी इलाके में नमाज ए जुम्मा के बाद पाकिस्तानी ध्वज लहराते हुए राष्ट्रविरोध प्रदर्शन करते थे। आज प्रशासनिक पाबंदियों के चलते कोई भी व्यक्ति इस इलाके में नमाज ए जुम्मा के लिए जमा नहीं हो पाया

सुरक्षाबलों ने भी किसी बाहरी व्यक्ति को नौहटटा में दाखिल नही होने दिया। स्थानीय लोग भी हिंसा की आशंका के चलते जामिया मस्जिद में नहीं आए। लिहाजा, नमाज-ए-जुम्मा नहीं हो पायी। पांच अगस्त के बाद से यह लगातार आठवां शुक्रवार है, जब जामिया मस्जिद में नमाज ए जुम्मा नहीं हुई है।

Web Title: Article 370: No prayers in Namaz-e-Jumma in historic mosques of Kashmir on 8th consecutive Friday

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