2018 में केरल में आई बाढ़ में पहचान छिपाकर काम करने वाले आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन लाखों दिलों के हीरो बन गए थे। पिछले दिनों कश्मीर हालात पर उन्होंने चौंकाने वाला फैसला लिया। दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली के बिजली विभाग के सचिव 32 वर्षीय गोपीनाथन ने पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के लोगों पर लगाई गई पाबंदियों को देखते हुए नौकरी से इस्तीफा दे दिया । गोपीनाथन को उनका इस्तीफा मंजूर होने तक काम पर लौटने के लिए नोटिस भेजा गया था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कन्नन गोपी नाथन ने कहा, ''मैं बुधवार को देर रात घर आया और दरवाजे पर रखे नोटिस के बारे में पता चला। यह प्रक्रियात्मक नोटिस है क्योंकि वे कह हे मेरा इस्तीफा मंजूर होने तक मैं काम पर लौट आऊं। मैं अपनी राय के साथ सार्वजनिक हुआ हूं और अपने फैसले पर दृढ़ता से कायम हूं। इस प्रक्रिया की अवधि के दौरान मेरे लिए उसी जगह पर ड्यूटी करना उचित नहीं होगा।''
गोपीनाथन ने आगे कहा, ''मैंने अभी अपने भविष्य के कदम के बारे में नहीं सोचा है। मैं ऐसी नौकरी खोज रहा हूं जो प्राइवेट सेक्टर की हो और सार्वजनिक सेवाओं से संबंधित हो।''
गोपीनाथ मूल रूप से केरल के कोट्टायम जिले के रहने वाले हैं। अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोपीनाथन का कहना है, ''संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना चुनी हुई सरकार का अधिकार है लेकिन लोकतंत्र में लोगों के पास जवाब देने का अधिकार है।''
गोपीनाथन ने पीटीआई से कहा कि कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को लागू हुए करीब 20 दिन हो गए हैं और अब तक वहां के लोगों के इसके बारे में प्रतिक्रिया देने या बोलने की अनुमति नहीं दी गई है, जोकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार्य नहीं है। व्यक्तिगत रूप से मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता हूं और ऐसे वक्त में सेवा नहीं दे सकता हूं।