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अनुच्छेद 370: अखबारों में छपे इश्तेहार- आइये जम्मू में मल्टीस्टोरी और ग्रुप हाउसिंग बनाएं, प्रदेश भाजपा की परेशानी बढ़ी

By सुरेश डुग्गर | Updated: August 11, 2019 17:39 IST

केंद्र सरकार के 5 अगस्त के फैसले के बाद जहां विपक्षी पार्टियां स्थानीय लोगों के लिए जमीन खरीदने और सरकारी नौकिरयों में अधिक परेशानी की बात कर रही हैं, वहीं भाजपा को भी लगता है कि जम्मू में शुरुआती लड़ाई जीतने के बाद यह उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

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केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 में संशोधन और अनुच्छेद 35ए को खत्म किए जाने के एक हफ्ते के बाद जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने ओर बेचने के अतिरिक्त मल्टीस्टोरी व ग्रुप हाउसिंग बनाने के लिए नार्थ इंडिया के बिल्डरों को बुलाने के लिए छपे इश्तेहारों ने प्रदेश भाजपा के लिए परेशानी पैदा कर दी है। राज्य के बाहरी व्यक्तियों द्वारा अखबारों में दिए गए इस प्रकार के इश्तेहार के बाद अब जम्मू कश्मीर की भाजपा इकाई बाहरी लोगों द्वारा राज्य में जमीन खरीदने पर कुछ प्रतिबंध चाहती है।

जानकारी के लिए अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर के नागरिकों को जमीन के संबंध में कुछ विशेषाधिकार देता था। अब जबकि अनुच्छेद 35 हटा दिया गया है और फिलहाल केंद्र द्वारा नवगठित जम्मू कश्मीर कंेद्र शासित प्रदेश में जगह जमीन खरीदने और सरकारी नौकरियों में बाहरी व्यक्तियों की हिस्सेदारी संबंधी कोई नियम घोषित न किए जाने से सबसे ज्यादा खौफजदा जम्मू संभाग के नागरिक हैं जो अब प्रदेश भाजपा के नेताओं को इस परिस्थिति के लिए कोसने लगे हैं।

यही कारण था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह ने कहा कि उन्हें ‘स्थानीय’ प्रमाणपत्र जैसे किसी सुरक्षा की जरूरत है, जिससे राज्य में जमीन और नौकरियों के संबंध में स्थानीय निवासियों के हितों की रक्षा की जा सके।  प्रदेश भाजपा इकाई सरकारी नौकरियों में नियुक्ति पर भी बाहरी पर लोगों पर कुछ प्रतिबंध चाहती है।

केंद्र सरकार के 5 अगस्त के फैसले के बाद जहां विपक्षी पार्टियां स्थानीय लोगों के लिए जमीन खरीदने और सरकारी नौकिरयों में अधिक परेशानी की बात कर रही हैं, वहीं भाजपा को भी लगता है कि जम्मू में शुरुआती लड़ाई जीतने के बाद यह उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

सूत्रों के बकौल, भाजपा नेताओं का मानना है कि मौजूदा प्रतिबंधों को हटाने और विपक्षी नेताओं को रिहा किए जाने से पहले भूमि कानून और नौकरियों से संबंधित आशंकाओं को दूर किया जाना चाहिए। इन्हीं आशंकाओं के कारण अनुच्छेद 370 में संशोधन किए जाने के बाद भी जम्मू में उस तरह से जश्न नहीं मनाया गया, जैसी उम्मीद की जा रही थी।

निवर्तमान विधानसभा के स्पीकर सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद बाहरी लोगों द्वारा हमारी जमीन और सरकारी नौकरियां छीनने को लेकर विपक्षी दलों द्वारा शुरू की गई एक नई बहस के मुद्दे पर हम लोग चर्चा कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने दावा किया कि सरकार पहले से ही इन सभी मुद्दों पर काम कर रही है। यह व्यवस्था जल्द ही लागू कर दी जाएगी।

प्रदेश भाजपा के नेताओं के बकौल, हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश और पंजाब में कृषि सहित स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ कानून हैं। उन्होंने कहा, पंजाब में सरकारी नौकरी के लिए किसी व्यक्ति को कम से कम छह साल तक के लिए वहां का निवासी बनना पड़ता है जबकि हिमाचल में किसी बाहरी को कृषि भूमि खरीदने की इजाजत नहीं है। वहीं कुछ अन्य जगहों पर किसानों की 50 फीसदी से अधिक कृषि भूमि नहीं खरीदने जैसी पाबंदियां हैं।

टॅग्स :धारा ३७०आर्टिकल 35A (अनुच्छेद 35A)जम्मू कश्मीरभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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