सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि गया के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे उसके कैडेट्स को देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में स्थानांतरित किया जा सकता है व खाली हुई जगह में जल्द ही सिख लाइट इन्फेंट्री रेजीमेंटल केंद्र बनाया जा सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कहा था कि गया में भारतीय सेना की अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी को बंद करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा था, ‘‘ओटीए न केवल क्षेत्र में रोजगार के अवसर मुहैया करा रही थी बल्कि अर्थव्यवस्था तथा क्षेत्र में सुरक्षा की भावना पैदा करने में भी उसका योगदान रहा। इसने क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका में भी मदद की।’’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया में सैन्य प्रशिक्षण अकादमी को बंद करने के प्रस्ताव पर विरोध जताया। सैन्य अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘‘ओटीए कैडेट गया में जिस जगह को खाली करेंगे वहां सिख लाइट इन्फैंट्री रेजीमेंटल केंद्र बनाया जा सकता है जो इस समय उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में राजपूत रेजीमेंटल केंद्र के साथ चल रहा है।’’
ओटीए बंद होने का प्रस्ताव: नीतीश ने राजनाथ को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जतायी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर राज्य के गया स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) बंद करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। नीतीश कुमार के उक्त पत्र की प्रतियां यहां मीडिया को उपलब्ध कराई गई।
कुमार ने पत्र में कहा है कि उन्होंने कुछ समाचार पत्रों और डिजिटल मीडिया में गया के ओटीए के ‘‘बंद करने के प्रस्ताव’’ के बारे में खबर देखी है। मुख्यमंत्री ने इसे ‘‘आश्चर्यचकित करने और विचलित करने वाला’’ करार देते हुए कहा कि 2011 में स्थापित गया स्थित ओटीए का योगदान न केवल रोजगार के अवसर पैदा करने के क्षेत्र में बल्कि अर्थव्यवस्था तथा सुरक्षा की भावना पैदा करने की दिशा में भी रहा है।
उन्होंने कहा “गया में अधिकारियों के प्रशिक्षण अकादमी को बंद करना बहुत अनुचित होगा। रक्षा मंत्रालय का यह गलत निर्णय राज्य के हित के खिलाफ है और यह बिहार के लोगों के साथ घोर अन्याय होगा।’’