दिल्ली: 'अग्निपथ' हिंसा की राह पर चलने वाले युवाओं के लिए सेना ने सख्त चेतावनी जारी की है। युवा जिस सेना में भर्ती होने के लिए देशभर में बवाल कर रहे हैं, सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके दरवाजा केवल जेंटलमैन कैडेट्स के लिए ही खुलते हैं।
सेना ने कहा है कि जो भी युवा भारतीय सेना का हिस्सा बनने का ख्वाहिश रखते हैं, वो तत्काल हिंसा से दूर हो जाएं क्योंकि सेना में ऐसे किसी भी तत्व को शामिल होने की आजादी नहीं है, जो हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ करते हैं। देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले कभी भी भारतीय सेना में जगह नहीं पा सकते हैं।
इस मामले में सेना की ओर से डीएमए के एडिशन सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, " अग्निपथ में शामिल होने वाले युवाओं के लिए सेना का स्पष्ट संदेश है कि वो हिंसा की गतिविधियों से दूर रहें, जेंटलमैन कैडेट्स के कुछ पैरामीटर्स होते हैं, सेना में शामिल होने वाले युवाओं में उनका होना आवश्यक है। जो भी युवा नई भर्ती प्रणाली 'अग्निपथ' के जरिये सेना में शामिल होने के लिए आएंगे उन्हें प्रमाण पेश करना होगा कि वे किसी भी तरह के विरोध, बर्बरता या हिंसा का हिस्सा नहीं रहे हैं। इसलिए लिए उन्हें 100 फीसदी पुलिस वेरिफिकेशन पेश करना होगा और उसके बिना सेना में कोई भी शामिल नहीं हो सकता है।"
मालूम हो कि अग्निपथ भर्ती प्रणाली को लेकर देश के कई हिस्सों में युवा हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए रक्षा मंत्रालय में लगातार बैठकों का सिलसिला चल रहा है। स्वयं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तीनों सेना प्रमुखों के साथ बढ़ते विवाद को लेकर लगाता समीक्षा कर रहे हैं।
लेफ्टिलेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि अग्निपथ के जरिये सेना का मकसद केवल युवाओं को लाभ पहुंचाना है। युवाओं में ऊर्जा है और हम उन्हें सेना में शामिल करके देश सेवा का मौका देना चाहते हैं।
रविवार को तीनों सेनाओं के प्रमुख संयुक्त प्रेस कांफ्रेस करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा, "बीते 14 जून को रक्षामंत्री जी द्वारा 'अग्निपथ योजना' का ऐलान किया गया था। सेना को युवा प्रोफाइल की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। इसलिए हम सेना को युवा बनाने के लिए सैनिकों की आयु को कम करने का फैसला लिया। इसके लिए सेना पिछले 2 सालों से स्टडी भी कर रही थी।
पुरी ने कहा, "सेना युवाओं के जोश और होश के बीच के तालमेल को बेहतर ढंग से बैठाना चाहती है। आज का युवा हाई-टेक है। अग्निपथ से युवाओं को फायदा होगा। सेना बिना स्टडी किये इस योजना को लागू नहीं कर रही है, इसके लिए वर्षों की स्ट्डी की गई है। इससे युद्ध तकनीक बेहतर होगा और हम भविष्य की चुनौतियों से निपटने में और ज्यादा सक्षम बनेंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने आगे कहा, "हमें आज नहीं बल्कि बीते 3 दशक से सेना की उम्र कम करने की आवश्यकता थी। और इसके लिए अग्निवीर योजना से बेहतर विकल्प नहीं था।"