नई दिल्लीः भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सूबेदार नीरज चोपड़ा के साथ बातचीत की और टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने चोपड़ा के परिवार के सदस्यों को भी उनके प्रदर्शन के लिए बधाई दी।
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के ऑफिस में फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के मेडल के अलावा एक और चीज ध्यान खींच रही थी। वह थी अच्छे तरीके से फ्रेम कराकर दीवार पर लटकाई हुई तस्वीर। यह तस्वीर 71 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत दर्शाने वाली थी।
जिसमें जनरल अरोड़ा के सामने पाकिस्तानी एए खान नियाजी सरेंडर के कागजों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। ये तस्वीर थी 1971 में भारत की पाकिस्तान पर विजयी की वीर गाथा। भारत ने 1971 में पाकिस्तान को हराया था। तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा।
16 दिसंबर 1971 और युद्ध शुरू होने के 13 दिन बाद पाकिस्तानी सेना की पूर्वी कमांड के इंचार्ज जनरल एए खान नियाजी ने ढाका को सरेंडर कर दिया था। नियाजी ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर भारतीय सेना के पूर्वी कमांड इंचार्ज लेफ्टिनेंट जनरल जेएस अरोड़ा को सौंपकर इंस्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर साइन किया था।
इस घटना की तस्वीर भारत के पराक्रम की गवाह बनी थी। पाकिस्तान को इस लड़ाई में ऐसी मात मिली थी कि जनरल नियाजी की अगुवाई में ढाका स्टेडियम में करीब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने टेकने पड़ गए थे।
25 मार्च 1971 को पाकिस्तान के इस हिस्से में सेना एवं पुलिस की अगुआई मे जबर्दस्त नरसंहार हुआ। 25 मार्च 1971 को शुरू हुए ऑपरेशन सर्चलाइट से लेकर पूरे बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के दौरान पूर्वी पाकिस्तान में जमकर हिंसा हुई। बांग्लादेश सरकार के मुताबिक इस दौरान करीब 30 लाख लोग मारे गए। अनगिनत महिलाओं की आबरू लूट ली गई।
1971 के दिसंबर महीने में ऑपरेशन चंगेज खान के जरिए भारत के 11 एयरबेसों पर हमला कर दिया जिसके बाद 3 दिसंबर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत हुई। महज 13 दिन के बाद पाकिस्तान की 93 हजार फौज ने सरेंडर कर दिया। पाकिस्तान आर्मी के चीफ नियाजी ने अपने बिल्ले को उतारा और प्रतीक स्वरूप अपनी रिवॉल्वर लेफ्टीनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा को सौंप दी।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी सूबेदार नीरज चोपड़ा की सराहना की। टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन के लिए बधाई दी, जिसने देश को गौरवान्वित किया। भारतीय सेना में चार राजपूताना राइफल्स के सूबेदार चोपड़ा को उनकी शानदार खेलकूद प्रतिभा को लेकर प्रतिष्ठित विशिष्ठ सेवा पदक प्रदान किया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर दुनिया को स्तब्ध कर दिया और भारतीयों को जश्न में डुबा दिया। नीरज चोपड़ा को ओलंपिक में पहले एथलेटिक्स स्वर्ण पदक पाने के भारत के इंतजार को खत्म करके इतिहास रचने को लेकर भारतीय सेना में प्रोन्नति मिलने की संभावना है। एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक पदक है।