भारत में घुसपैठ के लिए तैयार आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने एक और स्ट्राइक की है। लेकिन इसबार सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक की तरह सीमापार जाकर नहीं बल्कि अपनी ही सीमा में रहकर निशाना साधा गया है। इसके लिए भारतीय सेना ने तोपों (आर्टिलरी गन्स) का इस्तेमाल किया है। यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर के तंगधार सेक्टर के सामने स्थित पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकी कैंपों पर की गई है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पीओके की नीलम घाटी में चार आतंकी लॉन्च पैड्स को तबाह किया गया है।
बताया जा रहा है कि यहां बड़ी संख्या में आतंकी घुसपैठ को तैयार थे। पाकिस्तान की तरफ से बिना उकसावे के भारी गोलीबारी की जा रही थी जिससे घुसपैठ कराई जा सके। पाकिस्तान की गोलीबारी में 2 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और एक आम नागरिक की मौत हुई थी। इसके बाद भारतीय सेना ने बड़ी कार्रवाई का फैसला किया।
कैसे हुई थी बालाकोट एयर स्ट्राइक
26 फरवरी 2019 को भारतीय वायु सेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार की और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद संचालित आतंकवादी शिविर पर हमला किया। मीडिया ने बताया था कि इस ऑपरेशन के दौरान लगभग 200-300 आतंकवादी मारे गए। हालांकि पाकिस्तान की सेना लगातार दावा करती रही थी कि भारत द्वारा किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक में कोई क्षति नहीं हुई है। भारत ने यह एयर स्ट्राइक पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में की थी।
उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक
18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हमला हुआ था। इसमें 16 जवान शहीद हो गए थे। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था।
इसके जवाब में 28-29 सितंबर की रात को सेना के बहादुर जवानों ने पीओके में तीन किमी भीतर घुसकर आतंक के ठिकानों का सफाया कर दिया था। भारतीय सेना की इस कार्रवाई में आतंकी अड्डे तबाह हो गए थे और करीब 50 आतंकी मारे गए थे।