अमरावती, 18 मार्च आंध्र प्रदेश सरकार ने एक साल से अधिक समय से निलंबित डीजीपी रैंक के आईपीएस अधिकारी ए बी वेंकटेश्वर राव पर लगे देशद्रोह के आरोपों की जांच बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से शुरू कर दी।
उच्चतम न्यायालय ने 10 मार्च को आदेश दिया था कि अप्रैल के अंत तक इन आरोपों की विभागीय जांच पूरी की जाए।
चंद्रबाबू नायडू के कार्यकाल में महानिदेशक (खुफिया) रहे राव सचिवालय में जांच आयुक्त आरपी सिसोदिया के समक्ष पेश हुए और इस मामले में सवालों के जवाब दिए।
वाई एस जगनमोहन रेड्डी सरकार ने 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राव को पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार के दौरान राज्य का खुफिया प्रमुख रहते ''अपने देशद्रोही कृत्यों के जरिये राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने'' के आरोप में निलंबित कर दिया था।
सरकार ने आरोप लगाया था कि सुरक्षा उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया में (राव की ओर से) ''गंभीर लापरवाहियां बरती गईं।''
सरकार के अनुसार, ''राव ने विदेशी रक्षा उपकरण निर्माण कंपनी को जानबूझकर खुफिया प्रोटोकॉल और पुलिस प्रक्रियाओं की जानकारी दी। यह राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रत्यक्ष रूप से खतरे में डालने के समान है क्योंकि खुफिया प्रोटोकॉल पूरे भारतीय पुलिस बल में गोपनीय होते हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।