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फिर से अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुटे आनंद मोहन, नवंबर में रैली करने का किया ऐलान

By एस पी सिन्हा | Updated: May 23, 2023 16:48 IST

आनंद मोहन ने रोहतास जिले के बिक्रमगंज में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि वे 10 नवंबर को में पटना में एक बड़ी जनसभा करने जा रहे हैं। इसके लिए वह अभी से लोगों को निमंत्रण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रैली में 10 लाख लोग शामिल होंगे।

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ठळक मुद्देआनंद मोहन जेल से छूटने के बाद अब अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुटे10 नवंबर को में पटना में एक बड़ी जनसभा करने जा रहे हैंआनंद मोहन ने दावा किया है कि इस रैली में राज्यभर से 10 लाख लोग जुटेंगे

पटना:  बिहार में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में सजा काट जेल से रिहा हुए बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन फिर से अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में नये सिरे से जुट गए हैं। उन्होंने नवंबर महीने में राजधानी पटना में एक बड़ी रैली का आयोजन करने की घोषणा की है। आनंद मोहन ने दावा किया है कि इस रैली में राज्यभर से 10 लाख लोग जुटेंगे। इसके लिए वह अभी से जगह- जगह जाकर लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं।

आनंद मोहन ने रोहतास जिले के बिक्रमगंज में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि वे 10 नवंबर को में पटना में एक बड़ी जनसभा करने जा रहे हैं। इसके लिए वह अभी से लोगों को निमंत्रण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रैली में 10 लाख लोग शामिल होंगे। इस दौरान उन्होंने रोहतास जिले में पूर्व सांसद ने महाराणा प्रताप की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा कि युवाओं को महाराणा के रास्ते पर चलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि जेल से छूटने के बाद आनंद मोहन की जदयू से नजदीकी बढ़ी है। हालांकि उनके बेटे चेतन आनंद अभी राजद से विधायक हैं।

हत्याकांड में जेल से पिछले महीने ही रिहा होने के चलते आनंद मोहन फिलहाल चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, मगर वे अपनी पत्नी या किसी अन्य करीबी को 2024 में चुनाव लड़वाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। चर्चा है कि कि शिवहर लोकसभा सीट से वह अपने किसी करीबी को महागठबंधन से उम्मीदवार बनवा सकते हैं। जी. कृष्णैया हत्याकांड में जेल जाने के बाद आनंद मोहन सक्रिय राजनीति से अलग- थलग पड़ गए थे। हालांकि, कोसी क्षेत्र में उनका दबदबा आज भी कायम है। वह राजपूत समाज का प्रमुख चेहरा हैं। ऐसे में नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव उनकी इस छवि को भुनाकर राजपूत समाज के वोटों को अपनी ओर खींच सकते हैं।

पटना में प्रस्तावित रैली का फोकस राजपूतों को एकजुट करने पर रहेगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नीतीश सरकार ने रणनीति के तहत जेल नियमावली में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ किया है ताकि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में राजपूत वोटबैंक पर पकड़ मजबूत की जा सके। पिछले सप्ताह ही आनंद मोहन ने एक रैली में घोषणा की थी कि वे कमल को हाथी की तरह कुचल देंगे। उन्होंने खुद को हाथी बताया और कहा कि वह भाजपा को पैरों तले कुचल देंगे। अब 10 नवंबर को पटना में रैली की घोषणा कर उन्होंने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले अपनी ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है।

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