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130 किलोमीटर की अधिकतम गति से चलेगी अमृत भारत एक्सप्रेस, नहीं लगेंगे झटके, जानिए क्या है खास बात

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: December 30, 2023 15:20 IST

मौजूदा रेलगाड़ियों में इस्तेमाल की जाने वाली पुरानी तकनीक में डिब्बों को ‘कपलर’ की मदद से जोड़ा जाता है, जिससे ट्रेन के रुकने या चलने पर यात्रियों को झटका महसूस होता है। लेकिन अमृत भारत ट्रेन में एक विशेष प्रकार का कपलर होता है जिसे सेमी-परमानेंट कपलर कहा जाता है, जो झटके के प्रभाव को कम करता है।

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ठळक मुद्दे अमृत भारत ट्रेन में एक विशेष प्रकार का कपलर होता हैजिसे सेमी-परमानेंट कपलर कहा जाता है, जो झटके के प्रभाव को कम करता हैनयी ट्रेन ‘पुश-पुल’ तकनीक से भी लैस है जिसमें आगे और पीछे दोनों तरफ इंजन होते हैं

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 30 दिसंबर को अयोध्या से शुरुआती दो अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का उद्घाटन किया। 22 कोचों वाली दरभंगा-आनंद विहार अमृत भारत एक्सप्रेस में अनारक्षित यात्रियों के लिए आठ सामान्य द्वितीय श्रेणी कोच, बारह द्वितीय श्रेणी 3-स्तरीय स्लीपर कोच और दो गार्ड डिब्बे हैं।

ट्रेन संख्या 15557 प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को दोपहर 3:00 बजे दरभंगा से प्रस्थान करेगी। इसके अगले दिन दोपहर 12:35 बजे दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल स्टेशन पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें कुल यात्रा समय 21 घंटे और 35 मिनट लगेगा। ट्रेन विभिन्न स्टेशनों पर रुकेगी, जिनमें कमतौल, जनकपुर रोड, सीतामढी, बैरगनिया, रक्सौल, नरकटियागंज, बाघा, कप्तानगंज, गोरखपुर, बस्ती, मनकापुर, अयोध्या धाम, लखनऊ, कानपुर सेंट्रल, इटावा, टूंडला, अलीगढ़ जंक्शन और अंत में आनंद विहार टर्मिनल शामिल हैं। 

क्या है खास बात

अमृत भारत एक्सप्रेस आधुनिकतम तकनीक से लैस हैं और यह सुनिश्चित किया गया है कि यात्रा के दौरान लोगों को किसी भी तरह का झटका महसूस नहीं हो।  इन दोनों ट्रेन का परिचालन बिहार में दरभंगा से अयोध्या के रास्ते दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन तक और पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन से बेंगलुरु के सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल के बीच होगा। नवोन्मेषी ‘सेमी-कपलर’ तकनीक की मदद से अमृत भारत ट्रेन 130 किलोमीटर की अधिकतम गति से चलेंगी और विभिन्न गंतव्यों तक आरामदायक यात्रा की सुविधा देगी। यह तकनीक दो डिब्बों को इस तरह से जोड़ने में मदद करती है कि ट्रेन चलने और रुकने पर लगने वाले झटके का असर यात्रियों पर नहीं पड़ता। 

कई मौजूदा रेलगाड़ियों में इस्तेमाल की जाने वाली पुरानी तकनीक में डिब्बों को ‘कपलर’ की मदद से जोड़ा जाता है, जिससे ट्रेन के रुकने या चलने पर यात्रियों को झटका महसूस होता है। लेकिन अमृत भारत ट्रेन में एक विशेष प्रकार का कपलर होता है जिसे सेमी-परमानेंट कपलर कहा जाता है, जो झटके के प्रभाव को कम करता है। यह ट्रेन के संचालन के लिहाज से भी सुरक्षित है। इसके अलावा नयी ट्रेन ‘पुश-पुल’ तकनीक से भी लैस है जिसमें आगे और पीछे दोनों तरफ इंजन होते हैं। आगे वाला इंजन ट्रेन को खींचता है, वहीं पीछे वाला इंजन उसे आगे धकेलता है। 

रेलवे बोर्ड ने कहा है कि एक किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक के गंतव्यों के लिए ‘अमृत भारत एक्सप्रेस’ रेलगाड़ियों में न्यूनतम किराया 35 रुपये है, जिसमें आरक्षण शुल्क और अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं। रेल मंत्रालय ने अभी तक वातानुकूलित श्रेणी के लिए किराया तालिका को अंतिम रूप नहीं दिया है। दो श्रेणियों - द्वितीय और शयनयान- के किरायों की तुलना वर्तमान में चल रही अन्य मेल या एक्सप्रेस रेलगाड़ियों से करें, तो अमृत भारत का किराया 15 से 17 प्रतिशत अधिक है।

टॅग्स :भारतीय रेलनरेंद्र मोदीअयोध्याRailway Ministry
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