अनुच्छेद 370 : अमित शाह ने कहा- मुझे थोड़ी आशंका थी कि कहीं मैं भी तो नहीं इस तरह के हंगामेदार दृश्यों का हिस्सा हो जाऊंगा

By भाषा | Updated: August 11, 2019 19:49 IST2019-08-11T19:49:56+5:302019-08-11T19:49:56+5:30

शाह ने कहा, ‘‘मैं दृढ़ था कि अनुच्छेद 370 हटाया जाना चाहिए...अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में आतंकवाद खत्म होगा और वह विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।’’ साथ ही कहा कि इस कदम के बाद क्या होगा इस बारे में उनके मन में जरा भी भ्रम नहीं था।

Amit Shah said- Revoke of Article 370 will end terrorism in Kashmir | अनुच्छेद 370 : अमित शाह ने कहा- मुझे थोड़ी आशंका थी कि कहीं मैं भी तो नहीं इस तरह के हंगामेदार दृश्यों का हिस्सा हो जाऊंगा

गृहमंत्री अमित शाह। (फाइल फोटो)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने से क्षेत्र में आतंकवाद का खात्मा होगा और क्षेत्र विकास के मार्ग पर आगे बढ़ेगा। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के दो साल के कार्यकाल पर एक किताब का यहां विमोचन करने के मौके पर शाह ने कहा कि उनका दृढ़ता से मानना था कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाया जाना चाहिए क्योंकि इससे देश को कोई फायदा नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं दृढ़ था कि अनुच्छेद 370 हटाया जाना चाहिए...अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में आतंकवाद खत्म होगा और वह विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।’’ साथ ही कहा कि इस कदम के बाद क्या होगा इस बारे में उनके मन में जरा भी भ्रम नहीं था।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत सरकार ने इस देश को अनुच्छेद 370 से मुक्त कराया। शाह ने जम्मू कश्मीर संबंधी विधेयक लाने के दौरान ऊपरी सदन में बने हालात से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए राज्यसभा के सभापति नायडू को भी श्रेय देते हुए कहा कि उन्हें आंध्र प्रदेश के बंटवारे के दौरान बने हालात के दोहराने की ‘आशंका’ थी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सांसद होने के नाते उनके मन में जरा भी भ्रम नहीं था कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना चाहिए या नहीं। उन्होंने किताब विमोचन के दौरान भारतीय बैडमिंटन कोच पी. गोपीचंद की टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश का विभाजन कर तेलंगाना बनाने के मुद्दे के दौरान संसद में हंगामेदार दृश्यों के बारे में कहा।

शाह ने कहा कि लोगों की स्मृति में अभी भी उसकी यादें ताजा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे थोड़ी आशंका थी कि कहीं मैं भी तो नहीं इस तरह के हंगामेदार दृश्यों का हिस्सा हो जाऊंगा।’’ उन्होंने नायडू के छात्र जीवन के समय की राजनीति और कश्मीर के संबंध में पार्टी की विचाराधारा को उनके समर्थन को भी याद करते हुए कहा कि एक बार एक कम्युनिस्ट प्रोफेसर ने उपराष्ट्रपति से सवाल किया था कि वह ऐसे राज्य के लिए क्यों संघर्ष कर रहे हैं जिसे उन्होंने देखा ही नहीं। शाह ने कहा, ‘‘इस पर नायडू ने जवाब दिया था कि एक आंख दूसरे आंख को भले देख नहीं सकता लेकिन उसका दर्द महसूस किया जा सकता है।’’

Web Title: Amit Shah said- Revoke of Article 370 will end terrorism in Kashmir

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