Amarnath Yatra 2023: सेना ने अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों को सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए अपनी तैनाती पूरी कर ली है। अन्य सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा पूरी तरह से संभाल लिया है। नौ दिनों के बाद आरंभ हो रही अमरनाथ यात्रा में इस बार अप्रत्यक्ष तौर पर हाइब्रिड आतंकियों की आईईडी और स्टिकी बमों का खतरा जरूर महसूस किया जाने लगा है।
सेनाधिकारियों के बकौल, सेना ने दोनों यात्रा मार्गों के करीब 50 किमी के हिस्से पर तैनाती को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसकी खातिर उसने पहलगाम, चंदनवाड़ी, पिस्सू टाप, जोजिबल नागा कोटी, शेषनाग, वरबाल महागुनस, पंचतरणी के अतिरिक्त गुफा के चारों ओर इलाके में जवानों को तैनात किया है।
इसके अतिरिक्त बालटाल मार्ग पर भी मोर्चे स्थापित किए गए हैं। इस 50 किमी के इलाके में कितने जवान तैनात किए गए हैं आधिकारिक आंकड़ा मुहैया नहीं करवाया गया है। हालंकि महागुनस टाप के इलाके में सभी सुरक्षाबल अभी बर्फ से जूझ रहे हैं पर सेना ने उपरोक्त सभी इलाकों में चलाए गए अपने तलाशी अभियानों को अब रोक दिया है।
प्रवक्ता के बकौल, सेना के जवान अमरनाथ यात्रा के 62 दिनों में और यात्रा शुरू होने से पहले ही लगातार प्रतिदिन सुबह अपनी तैनाती के स्थानों पर दो से 3 किमी के इलाकों पर नजर रखेंगें ताकि कोई अवांछित तत्व यात्रा में खलल न डाल सके। वैसे अन्य सुरक्षाबलों ने भी अमरनाथ यात्रा के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
इनमें सबसे बड़ी तैयारी प्रदेश के प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर पहलगाम और बालटाल तक आपदा प्रबंधन करना व हाइब्रिड आतंकियों के संभावित खतरे के तहत आईईडी व स्टिकी बमों की तलाश की खातिर श्वान दस्तों की तैनाती भी शामिल है। प्रवक्ता के अनुसार, राजमार्ग के कई हिस्सों पर रोड ओपनिंग पार्टी की क्लीरंस से पहले किसी को भी उस पर चलने की अनुमति नहीं होगी।
इतना जरूर था कि पिछले साल की तरह इस बार भी स्थानीय लोगों को इस बात का डर है कि अमरनाथ यात्रा के दौरान उन्हें राजमार्ग पर चलने की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके प्रति अधिकारी अभी कुछ बोल नहीं रहे थे जिनका कहना था कि यह सब हालात पर ही निर्भर करेगा।