नई दिल्लीः फैक्ट चेकिंग वेबसाइट अल्टन्यूज पर कुछ दिनों पहले विदेशी चंदा जुटाने के आरोप लगे थे। जिसको लेकर दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। इसी मामले को लेकर अल्टन्यूज के लिए चंदा जुटाने वाले पेमेंट गेटवे रेजरपे पर अल्टन्यूज की तरफ ये आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने वेबसाइट को बिना जानकारी दिए डोनर्स का डेटा पुलिस के साथ शेयर किया। इस पर रेजरपे ने कानून का पालन करने की बात कही थी। वहीं अब विदेशी फंडिंग को लेकर भी रेजरपे ने ट्विटर पर सफाई दी है। रेजरपे के सह संस्थापक हर्षिल माथुर के ट्वीट के मुताबिक अल्टन्यूज सिर्फ घरेलू भुगतान वाला चंदा ही ले सकती थी और एफसीआरए के बगैर विदेशी लेनदेन की इजाजत नहीं थी ।
रेजरपे के सह संस्थापक ने दी सफाई
रेजरपे ने ये भी कहा है कि उनके भुगतान मंच ने आल्ट न्यूज मामले में जांच के दायरे वाले सिर्फ खास आंकड़े ही जांच अधिकारियों के साथ साझा किए हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बाद वेबसाइट पर एफसीआरए का कथित रूप से उल्लंघन करने की बात कही थी। पुलिस ने अदालत में कहा था कि मामले को लेकर जांच की जा रही है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने अल्टन्यूज के लिए चंदा जुटाने वाले पेमेंट गेटवे रेजरपे से डाटा मांगा था। रेजरपे की तरफ से ये भी कहा गया है कि सोमवार को एक विशेष समयावधि के लेनदेन संबंधी आंकड़े साझा करने का लिखित नोटिस रेजरपे को मिला था। उन्होंने कहा कि कानूनी सलाह के बाद पुलिस के साथ इस नोटिस का पालन करने का फैसला किया गया।
जुबैर को सीतापुर केस में मिली है राहत
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जुबैर को अपने एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में 27 जून को गिरफ्तार किया था। वहीं उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज मुकदमे को लेकर सुपीम कोर्ट ने जुबैर राहत दी है। उन्हेअंतरिम जमानात मिल गई है । जुबैर को खैराबाद के महंत बजरंग मुनि के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में सोमवार को दिल्ली से सीतापुर जिला न्यायालय लाया गया था। हालांकि वो अब भी दिल्ली पुलिस की कस्टडी में हैं।