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भारतीय वायुसेना को दूसरा C-295 परिवहन विमान मिला, कुल 56 ऐसे विमान होंगे बेड़े में शामिल

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 4, 2024 15:33 IST

एयरबस डिफेंस ने भारतीय वायुसेना को दूसरा C-295 परिवहन विमान सौंप दिया है। भारतीय वायुसेना ने ऐसे कुल 56 विमानों का ऑर्डर दिया था।

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ठळक मुद्देएयरबस डिफेंस ने भारतीय वायुसेना को दूसरा C-295 परिवहन विमान सौंप दिया हैखासतौर पर सामरिक मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया हैसैनिकों और कार्गो को पैरा ड्रॉप करने में सक्षम है

C-295 transport plane: एयरबस डिफेंस ने भारतीय वायुसेना को दूसरा C-295 परिवहन विमान सौंप दिया है। भारतीय वायुसेना ने ऐसे कुल 56 विमानों का ऑर्डर दिया था। ऑर्डर किए गए कुल 56 विमानों में से 16 का उत्पादन एयरबस द्वारा सेविले, स्पेन में किया जाएगा। एक औद्योगिक हिस्से के रूप में साझेदारी, शेष 40 का उत्पादन गुजरात के वडोदरा में C295 फाइनल असेंबली लाइन में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (TASL) द्वारा किया जाएगा। पहला 'मेक इन इंडिया' C295 सितंबर 2026 में भारत को मिलेगा। पहला C295 परिवहन विमान सिंतंबर 2023 में भारत को सौंपा गया था।

क्या है खासियत

यह 260 समुद्री मील की अधिकतम क्रूज़ गति पर 71 सैनिकों या 50 पैरा-ट्रूपर्स को ले जा सकता है। खासतौर पर सामरिक मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। सैनिकों और कार्गो को पैरा ड्रॉप करने में सक्षम है। सभी 56 विमानों को एक स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस किया जाएगा।

वड़ोदरा में सी-295 विमान के लिए अंतिम असेंबली लाइन नवंबर 2024 में शुरू होने वाली है। वडोदरा केंद्र में प्रति वर्ष आठ विमान निर्मित किये जाएंगे। स्पेन में बनाए जा रहे 16 विमानों की पूरी खेप 2024 के अंत तक भारत पहुंच जाएगी। यह धीरे-धीरे भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो-748 बेड़े की जगह लेगा।  एयरबस के सी295 को सैन्य उद्देश्यों के लिए परिवहन का एक उन्नत विमान माना जाता है। यह एक बार में 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर को लेकर जा सकता है। इसके अलावा आपदा की स्थिति एवं समुद्री गश्ती के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को प्रोत्साहित करेगा।

C-295 परिवहन विमान भारतीय वायु सेना को ऐसे समय मिला है जब पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव है। चीनी सेना की गतिविधियां भारत के लिए चिंता का विषय हैं और भारत भी इससे निपटने की रणनीति पर काम कर रहा है। चीनी वायु सेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उच्च शक्ति वाले रडार स्थापित करने की योजना है। 

भारत में निर्मित राडार को एलएसी और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर तैनात करने की योजना है। नए रडार लद्दाख सेक्टर में चीनी वायु सेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हैं। भारतीय वायु सेना अपने लड़ाकू विमानों का बेड़ा भी बढ़ा रही है। भारत में निर्मित 97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू जेट खरीदने की मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा 156 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर भी खरीदे जाएंगे जो सेना और वायु सेना को दिए जाएंगे। इसके साथ C-295 परिवहन विमानों के शामिल होने से सैनिकों को पहाड़ी क्षेत्रों में तेजी से तैनात करने में मदद मिलेगी।

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