'हमारी 3 पत्नियां हैं और हम सबका सम्मान करते हैं लेकिन हिंदू...', AIMIM यूपी अध्यक्ष शौकत अली ने दिया आपत्तिजनक बयान

By मनाली रस्तोगी | Published: October 15, 2022 01:39 PM2022-10-15T13:39:34+5:302022-10-15T13:43:09+5:30

उत्तर प्रदेश एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली की हिंदू विवाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है।

AIMIM UP State President Shaukat Ali remark sparks row | 'हमारी 3 पत्नियां हैं और हम सबका सम्मान करते हैं लेकिन हिंदू...', AIMIM यूपी अध्यक्ष शौकत अली ने दिया आपत्तिजनक बयान

(फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया)

Highlightsउत्तर प्रदेश एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने हिंदू विवाह पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की।उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि हमारी 3 पत्नियां हैं, लेकिन हम सबका सम्मान करते हैं।उन्होंने कहा कि मदरसा, लिंचिंग, वक्फ और हिजाब जैसे मुद्दे हमारे साथ हो रहे हैं क्योंकि हमें निशाना बनाना आसान है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेशएआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने राज्य में एक सभा को संबोधित करते हुए हिंदू विवाह पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "लोग कहते हैं हमने तीन शादियां की हैं। दो शादियां होने पर भी हम समाज में दोनों पत्नियों को सम्मान देते हैं, लेकिन आप (हिंदू) एक से शादी करते हैं और आपकी तीन रखैलें होती हैं और आप न तो अपनी पत्नी का सम्मान करते हैं और न ही मालकिन का।"

शौकत अली ने आगे कहा, "मगर अगर हमारी दो शादियां होती हैं, तो हम उन्हें सम्मान के साथ रखते हैं और हमारे बच्चों के नाम भी राशन कार्ड में होते हैं।" यूपी एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष ने हिजाब प्रतिबंध मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में भी बात की और कहा कि हिंदुत्व यह तय नहीं करेगा कि देश में कौन क्या पहनेगा, लेकिन संविधान करेगा।

शौकत अली ने कहा, "संविधान तय करेगा कि देश में कौन क्या पहनेगा और हिंदुत्व नहीं, लेकिन भाजपा ऐसे मुद्दों को उठाकर देश को तोड़ने का काम कर रही है।" नेता ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाया गया। मदरसा, लिंचिंग, वक्फ और हिजाब जैसे मुद्दे हमारे साथ हो रहे हैं क्योंकि हमें निशाना बनाना आसान है। जब भाजपा कमजोर होती है तो वे मुस्लिम मुद्दों को उठाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को एक विभाजित निर्णय दिया, जिसमें राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को खत्म करने से इनकार कर दिया गया था। लेकिन शीर्ष अदालत ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई है। 

मामले को अब भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) यूयू ललित को एक नई पीठ गठित करने के लिए भेजा गया है। नई बेंच में CJI के विवेक के अनुसार तीन या अधिक जज होंगे। इसलिए आज की तारीख में सरकारी अधिसूचना कायम है और कर्नाटक सरकार को स्कूलों में किसी भी मानदंड को बदलने की आवश्यकता नहीं है।

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