नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई हिस्सों में इन दिनों कांवड़ यात्रा चल रही है। उत्तर प्रदेश में सरकार की तरफ से कांवड़ यात्रियों का स्वागत और सेवा की जा रही है। कांवड़ियों पर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा करते नजर आ रहे हैं। कई जगहों पर सरकारी अफसर कांवड़ियों की सेवा करते नजर आए। अब AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर तंज कसा है और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है। हालांकि ओवैसी ने योगी का नाम नहीं लिया।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "पुलिस ने पंखुड़ियों की बौछार की, कांवड़ियों का झंडों से "इस्तक़बाल" किया, उनके पैरों पर लोशन लगाया और उनके साथ इंतेहाई शफ़क़त से पेश आए। दिल्ली पुलिस ने लोहारों को हटाने की बात की, ताकि कांवड़िया नाराज़ न हो जाएं, उ.प्र हुकूमत ने यात्रा के रास्तों पर गोश्त पर पाबंदी लगा दी।"
आगे ओवैसी ने तंज करते हुए कहा, "यह 'रेवड़ी कल्चर' नहीं है? मुसलमान, खुली जगह पर चंद मिनट के लिए के नमाज़ भी अदा करे तो “बवाल” हो जाता है। मुसलमानों को सिर्फ मुसलमान होने की वजह से पुलिस की गोलियों, हिरासती तशद्दुद, एनएसए, यूएपीए, लिंचिंग, बुल्डोज़र और तोड़-फोड़ का सामना करना पड़ रहा है।"
ओवैसी ने योगी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए आगे कहा, "कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह भेद-भाव क्यों? यकसानियत नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों?"
ओवैसी ने इसके साथ एक खबर की तस्वीर भी लगाई जिसमें लिखा था कि मेरठ में कांवड़ियों के हंगामे की वजह से मुस्लिम चौकी इंचार्ज के नाम की पट्टी पर पुताई करा दी गई। सरकारी अफसरों के कांवणियों की सेवा करने पर तंज करते हुए ओवैसी ने लिखा है कि अगर इन पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोड़िए।