नई दिल्ली: बाबरी विध्वंश मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताई है। औवैसी ने एक शायरी ट्वीट करके अपनी बात कही है। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, ''वही कातिल वही मुनसिफ अदालत उसकी वो शाहिद, बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है।'
इसके साथ ही ओवैसी ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को नाइंसाफी करार दिया। उन्होंने कहा, 'मैं बतौर भारतीय मुस्लिम आज अपमान, शर्म और असहाय महसूस कर रहा हूं। बिल्कुल वैसा ही जैसा 1992 में युवावस्था में किया था।' उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) से इस फैसले को चैंलेज करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह न्याय का मामला है और आज बीजेपी इस मसले की वजह से ही सत्ता में है।
मिठाइयां बटीं, मस्जिद तोड़ने का नारा दिया गया: ओवैसी ओवैसी ने आगे कहा, 'लालकृष्ण आडवाणी ने पूरे देश में रथयात्रा निकाली। हर जगह हिंसा हुई। उमा भारती ने नारा दिया था- एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो। जब बाबरी शहीद हो रही थी तो मिठाइयां बांटी जा रही थीं। आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती ये सभी लोग खुशियां मना रहे थे। विनय कटियार के घर में साजिश रची गई।'
बता दें कि बाबरी विध्वंस केस में सभी 32 आरोपियों को लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और यह अचानक हुई थी। कोर्ट ने सीबीआई के कई साक्ष्यों को भी नहीं माना और 28 साल से चले आ रहे इस विवाद पर अपना फैसला सुना दिया।