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नासा की ओर से विक्रम लैंडर की तस्वीर जारी करने पर इसरो चीफ ने कहा- 'हमारे ऑर्बिटर ने पहले ही इसे खोज लिया था'

By विनीत कुमार | Updated: December 4, 2019 09:50 IST

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने मंगलवार को ये घोषणा की थी कि चंद्रमा का चक्कर लगा रहे उसके सेटेलाइट ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को खोज लिया है जो सितंबर में चांद पर उतरने से पहले क्रैश कर गया था।

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ठळक मुद्देनासा ने मंगलवार को जारी की थी विक्रम लैंडर की तस्वीरेंनासा ने ये भी कहा कि इसे खोजने में चेन्नई के मैकेनिकल इंजीनियर षनमुगा सुब्रमण्यम की भूमिका अहम रहीइसरो प्रमुख के सिवन ने इस पर दावा किया कि पहले ही भारतीय एजेंसी ने इसका पता लगा लिया था

नासा की ओर से चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की तस्वीरों की पुष्टि किये जाने और इस संबंध में मंगलवार को तस्वीर जारी किये जाने के बाद इसरो प्रमुख के. सिवन ने दावा किया है कि भारतीय स्पेस एजेंसी के ऑर्बिटर ने पहले ही इसका पता लगा लिया था और अपनी वेबसाइट पर इसकी घोषणा भी की थी। 

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार सिवन ने कहा, 'हमारे अपने ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता लगा लिया था, हमने पहले ही इसकी घोषणा भी अपने वेबसाइट पर की थी। आप वहां जाकर देख सकते हैं।'

दरअसल अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने मंगलवार को ये घोषणा की थी कि चंद्रमा का चक्कर लगा रहे उसके सेटेलाइट ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को खोज लिया है जो सितंबर में चांद पर उतरने से पहले क्रैश कर गया था। नासा ने लैंडर के चंद्रमा की सतह से टकराने वाली जगह की भी तस्वीर जारी की।

हालांकि, इसरो की ओर से इससे पहले 10 सितंबर को एक अपडेट दिया गया जिसमें कहा गया, 'विक्रम लैंडर को चंद्रयान-2 द्वारा खोज लिया गया है लेकिन उसके साथ कोई संपर्क अभी तक नहीं हो सका है। सभी कोशिश की जा रही हैं ताकि लैंडर से संपर्क किया जा सके।'

बता दें कि नासा की ओर से जो तस्वीर जारी की गई है उसे उसके लूनर रेकोनैसैंस ऑर्बिटर (LRO) ने लिया है। इसमें विक्रम लैंडर के टुकड़ों के करीब दो दर्जन जगहों पर गिरने की बात कही गई है। नासा की ओर से ये भी कहा गया कि विक्रम लैंडर के टुकड़ों को खोजने में चेन्नई के मैकेनिकल इंजीनियर और ऐप डेवलपर षनमुगा सुब्रमण्यम ने अहम भूमिका निभाई।

सुब्रमण्यम ने चेन्नई में बैठकर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के अवशेषों को खोजने में नासा और इसरो दोनों को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के चंद्रमा की परिक्रमा लगाने वाले अंतरिक्ष यान द्वारा भेजे चित्रों की मदद से यह खोज की। 

टॅग्स :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठननासाचंद्रयान
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