नयी दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस का संकट समाप्त होने के बाद अर्थव्यवस्था, वाणिज्य, वैज्ञानिक शोध और कई अन्य क्षेत्रों में नयी सफलताएं मिलने की संभावना है। एसोचैम की तरफ से आयोजित भारत-बांग्लादेश ऑनलाइन सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पिछले छह वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्रों में कई खामियों को ठीक किया गया, इस क्षेत्र पर देश के अन्य हिस्सों के मुताबिक बराबर ध्यान दिया गया।
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस में कहा कि कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद नये आयाम उभरेंगे जिसमें अर्थव्यवस्था, वाणिज्य, वैज्ञानिक शोध और कई अन्य विविध क्षेत्रों में सफलता मिलेगी। सम्मेलन में शामिल होने वालों में बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी,मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और बांग्लादेश में भारत की उच्चायुक्त रीवा गांगुली दास शामिल थीं।
जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एन्क्लेव की अदला-बदली के लिए भारत-बांग्लादेश की संधि ने व्यवसाय की सुगमता, आवाजाही की सुगमता का रास्ता साफ किया है जो पहले कठिन काम था।
इसके अलावा, केंद्र सरकार के प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस प्रकोप के कारण अर्थव्यवस्था के संकट के बीच सोमवार को वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि आत्म-निर्भरता के माध्यम से उबरने की तैयारी की जाए और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नये अवसर तलाशे जाएं।
केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर एक डिजिटल कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। 1998 में हुए पोकरण परमाणु परीक्षण की याद में यह दिन मनाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें व्यापक आर्थिक प्रभाव को कम करना होगा तथा नये मंत्र के रूप में आत्म-निर्भरता का इस्तेमाल कर मजबूती के साथ उबरने की तैयारी करनी होगी।
इसलिए हमें प्रौद्योगिकी एवं औद्योगिक क्षेत्र में विकास बढ़ाने के लिए नये अवसर तलाशने होंगे।’’ सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने इस संबंध में अपनी बात रखी कि प्रौद्योगिकी, खासतौर पर कोरोना वायरस संकट से उबरने के बाद, हमारे जीने के तरीके तथा भविष्य में हमारी कार्यशैली को कैसे बदल सकती है।