इंडियन इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने अपना ट्रेनिंग कैंप पाकिस्तान से अफगानिस्तान शिफ्ट करना शुरू कर दिया है.
अफगानिस्तान के आतंकवादी संगठन अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से हाथ मिलाने के बाद मसूद अजहर ने यह फैसला लिया है. 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक किया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर के पास कंधार और कुनार में टेररिस्ट कैंप को शिफ्ट किया गया है. फाइनेंसियल एक्शन टास्क फ़ोर्स द्वारा पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की आशंकाओं की वजह से ऐसा किया जा रहा है. अजहर द्वारा इस कदम को उठाने के पीछे पाकिस्तानी सेना का दिमाग बताया जा रहा है.
हाल ही में एफएटीएफ ने पाक को आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं करने के कारण फटकार लगाई थी. अक्टूबर तक अगर आतंकवादी फंडिंग नहीं बंद की गई तो पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है.
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव के बाद पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के सुरक्षित पनाहगाह अफगानिस्तान में तालिबान शासित इलाके हो गए हैं.
पाकिस्तान ने बीते दिनों लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा और हाफिज सईद सहित 13 संगठनों के खिलाफ पंजाब और कई इलाकों में 23 मुक़दमे दर्ज किए गए हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय भयंकर स्थिति में पहुंच चुकी है, ऐसे में सरकार सांकेतिक रूप से ही सही लेकिन आतंकवाद के खिलाफ सक्रिय दिखना चाहती है ताकि आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाएं लोन देने से नकार नहीं दें.