अफगानिस्तान की स्थिति नए सुरक्षा प्रश्न उठाती है : राजनाथ सिंह

By भाषा | Published: August 30, 2021 05:32 PM2021-08-30T17:32:09+5:302021-08-30T17:32:09+5:30

Afghanistan situation raises new security questions: Rajnath Singh | अफगानिस्तान की स्थिति नए सुरक्षा प्रश्न उठाती है : राजनाथ सिंह

अफगानिस्तान की स्थिति नए सुरक्षा प्रश्न उठाती है : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा घटनाक्रम ने सुरक्षा के नए सवाल खड़े कर दिए हैं और केंद्र सरकार सतर्क तथा किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राष्ट्र विरोधी ताकत को अफगानिस्तान के घटनाक्रम का फायदा उठाकर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है।वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीसरे बलरामजी दास टंडन स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे।सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने संबोधन में कहा, ''पड़ोसी देश अफगानिस्तान में जो हो रहा है, उससे सुरक्षा के लिहाज से नए सवाल उठ रहे हैं और हमारी सरकार वहां के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।''सिंह ने कहा, ''भारतीयों की सुरक्षा के साथ-साथ हमारी सरकार यह भी चाहती है कि देश विरोधी ताकतें वहां के घटनाक्रम का फायदा उठाकर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा न दें। '' उन्होंने कहा, ''हमारी कुछ और चिंताएं हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से चुनौती बन सकती हैं।''तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से पूरी तरह बाहर निकलने की समयसीमा समाप्त होने से दो सप्ताह पहले सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा करके 15 अगस्त को देश पर नियंत्रण कर लिया है। इस सप्ताह के शुरु में काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमले में 180 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। सिंह ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ''हम वायु, जल और थल- कहीं से भी उत्पन्न होने वाले खतरों से निपटने के लिए हमेशा तैयार हैं।'' रक्षा मंत्री ने नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को लगातार उन्नत और अद्यतन करने पर जोर दिया और कहा कि आधुनिक तकनीक के विकास के कारण कुछ नए खतरे सामने आए हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में जम्मू वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन से दो बम गिराए जाने का जिक्र किया। सिंह ने कहा, ''हमें नयी चुनौतियों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को लगातार उन्नत और अद्यतन करना होगा।'' उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य देश को समृद्ध, मजबूत और सुरक्षित बनाना है। उन्होंने कहा, "ऐसा भारत जो किसी को डराता नहीं बल्कि छोटे देशों में सुरक्षा की भावना विकसित करता हो और भारत की बढ़ती ताकत उनके लिए खतरा नहीं हो।" सिंह ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास की कमी है और देश को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से इस तथ्य को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान समझ गया है कि उन्हें संघर्ष विराम समझौतों का उल्लंघन करने का कोई फायदा नहीं होगा।उन्होंने कहा कि इस साल फरवरी में, नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बरकरार रखने के लिए भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। सिंह ने कहा, ''हम प्रतीक्षा और निगरानी मोड में भी हैं क्योंकि दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी एक बड़ी समस्या है।'' उन्होंने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से पड़ोसी देश ने संघर्ष विराम उल्लंघन नहीं किया है।रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान समझ चुका है कि वह कश्मीर में खासकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि 1965 और 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा और इन पराजयों ने पूरी तरह से साबित कर दिया कि वह भारत के खिलाफ पूरे दम-खम के साथ युद्ध शुरू करने की स्थिति में नहीं है। मंत्री ने कहा कि भारत के खिलाफ सीधा युद्ध करने में असमर्थता ने पाकिस्तान को दो नीतियों पर काम करने के लिए मजबूर किया - एक तरफ, पड़ोसी देश ने एक परमाणु रास्ता खोजने की दिशा में कदम उठाया और दूसरी ओर, उसने भारत को ''हजारों जख्म देकर मारने'' की नीति पर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक छद्म युद्ध शुरू किया । उसने भारत को निशाना बनाने के लिये आतंकवादियों को प्रशिक्षण, धन और हथियार देने के वास्ते अपनी जमीन के इस्तेमाल की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक के बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया में "आतंकवाद की नर्सरी" बन गया। जम्मू-कश्मीर पर सिंह ने कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पिछले सात वर्षों से प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।सिंह ने कहा, "मेरा मानना ​​है कि कश्मीर में बचा हुआ आतंकवाद भी खत्म हो जाएगा। मुझे यह विश्वास है क्योंकि अनुच्छेद 370 और 35ए के कारण अलगाववादी ताकतों को जो ताकत और ऑक्सीजन वहां मिलती थी, वह अब खत्म हो गई है।"उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर न तो राजनीति करती है और न ही ऐसा होने देती है। सुरक्षा बलों को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए खुली छूट दी गई है। उन्होंने कहा, ''सेना और सुरक्षा बलों के आत्मविश्वास और मनोबल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले सात साल में उन्होंने भारत के भीतरी इलाकों में एक भी बड़ी आतंकी घटना नहीं होने दी।''उरी आतंकी हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘भारत न केवल देश की सीमाओं के भीतर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है बल्कि हमारी सेना के बहादुर जवानों ने जरूरत पड़ने पर सीमा पार करके आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का काम किया है।’’ उन्होंने उरी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, "आज हम कह सकते हैं कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मॉडल भारत में ध्वस्त हो रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Afghanistan situation raises new security questions: Rajnath Singh

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे